हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर में भारतीय मसाला कंपनी MDH और Everest के मसालों की बिक्री पर प्रतिबंध लगने के बाद इंदौर में भी इसके खिलाफ अभियान शुरू हो चुका है। इन मसालों पर रोक लगने के बाद भारत सरकार ने भी इन मसालों की गुणवत्ता पर जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद से ही इंदौर में खाद्य विभाग की टीम मसालों की जांच में लगी हुई है। अभी तक 40 से अधिक मसालों को जांच के लिए राज्य प्रयोगशाला भोपाल भिजवा चुके हैं।
केमिकल मिले होने की आशंका के बीच इंदौर के अलावा उज्जैन और भोपाल में भी मसालों की सैंपलिंग की जा रही है। इंदौर में मसालों की जांच के लिए तीन दल बनाए गए हैं, जिसने पहले ही दिन 20 सैंपल लिए और कल तक 40 से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं। इन सैंपल को भोपाल तो भेज दिया है, लेकिन भोपाल से इन्हें जांच के लिए किस लैब में भेजा जाएगा, यह अभी निश्चित नहीं हो पाया है।
देखा जाए तो इंदौर में ब्रांडेड मसाले का निर्माण करने वाली लगभग 45 कंपनीयां हैं। वहीं खाद्य व औषधि विभाग से लाइसेंस लेकर मसाले की री-पैकिंग करने वाले लगभग 200 पिसाई केंद्र हैं। मसालों के सैंपल में कीटनाशक सहित अन्य रसायनों का पता लगाने के लिए भेजी जाएगी। यदि इन मसालों में मिलावट पाई जाती है तो इनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि, कीटनाशक सेहत के लिए हानिकारक होता है। इससे गंभीर बीमारियां होने का खतरा अधिक बना रहता है।
हाल ही में हॉन्ग कॉन्ग ने MDH और Everest के कई मसालों पर प्रतिबंध लगाया है। हॉन्ग कॉन्ग सरकार के खाद्य सुरक्षा केंद्र (CFS) के अधिकारियों ने यह निर्णय मसाला मिश्रण में कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक “ethylene oxide” पाए जाने के बाद लिया है। जिसमें बैन मसालों में MDH का मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला, करी पाउडर और Everest का फिश करी मसाला शामिल है। MDH और Everest वो दो मसालों के ब्रांड हैं, जो भारत के हर घर में सालो से इस्तेमाल हो रहे हैं।