संदेशखाली एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। लेकिन इस बार इसकी वजह शेख शाहजहाँ नहीं बल्कि भाजपा के मंडल अध्यक्ष “गंगाधर कायल” है। गंगाधर के सुर्खियों में आते ही भाजपा और टीएमसी ने एक बार फिर एक दूसरे पर इल्ज़ाम के तीर छोड़ना शुरू कर दिए हैं। आइए जानते है कि क्या है पूरा मामला?
कुछ दिन पहले एक वीडियो सामने आया है। उस वीडियो में एक शख्स और गंगाधर कायल बातचीत करते हुए नज़र आ रहे हैं। हालांकि, वीडियो में उस शख्स की एक भी झलक देखने नहीं मिली है, वह पूरे समय कैमरा के पीछे ही थे। वीडियो एक स्टिंग ऑपरेशन के रूप में बनाया गया था। वीडियो में गंगाधर यह बोलते हुए नजर आ रहे है कि, भाजपा के नेता सुवेंदु अधिकारी और उनके कुछ सहायक ने, संदेशखाली की महिलाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें रेप पीड़िता के रूप में पेश होकर शाहजहाँ के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराने के लिए कहा था। इस कार्य में गंगाधर ने भी उनकी मदद की थी। गंगाधर के मुताबिक पार्टी ने ऐसा क्षेत्र में टीएमसी के “बाहुबलियों” से छुटकारा पाने के लिए किया था।
वहीं वीडियो की एक अन्य क्लिप में एक महिला को यह कहते हुए दिखाया गया है कि, उसने अपनी शिकायत पर बिना सोचे समझे ही हस्ताक्षर कर दिए थे। ऐसा करने के लिए उन सभी महिला शिकायतकर्ताओं को 2,000 रुपये मिले थे। इसके अलावा गंगाधर ने यह भी कहा है कि, पिछले सप्ताह शाहजहां के सहयोगियों के घर से CBI द्वारा हथियार बरामद करना भी एक साजिश थी।
बस फिर क्या था, यह वीडियो वायरल होते ही टीएमसी का भाजपा पर इल्ज़ाम लगाना शुरू हो गया है। ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा है कि, “संदेशखाली की घटनाएँ पूर्व नियोजित थीं। भाजपा ने इसकी अच्छी पटकथा लिखी थी। सच सामने आ गया है। मैं ये बात काफी समय से कह रहा हूं। बनर्जी ने कहा, ”बिल्ली थैले से बाहर आ गई है।” टीएमसी ने भाजपा से माफ़ी मांगी है। इसके साथ ही टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने शाहजहाँ के जेल जाने पर अफसोस भी जताया है और कहा है कि काश वह इस मामले में थोड़ी और जांच पड़ताल कर लेते।
इल्जामों के इन सवालों में भाजपा का कहना है कि, यह वीडियो फेक है। इस वीडियो में गंगाधर की आवाज़ AI द्वारा इस्तेमाल हुई है। वीडियो में दिख रहा शख्स कोई और है। (आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, वीडियो में शख्स की झलक स्पष्ट नहीं है।) यह वीडियो संदेशखाली की महिलाओं को कमज़ोर करने के लिए टीएमसी और राजनीतिक सलाहकार फर्म इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) द्वारा बनाया गया है।
साथ ही खुद गंगाधर ने भी एक वीडियो साझा कर कहा है कि, यह सब टीएमसी की साजिश है। टीएमसी उनकी, भाजपा और उस महिला की छवि खराब करना चाहते है। इस मामले में वह CBI से I-PAC और अभिषेक बनर्जी के खिलाफ जांच की मांग करेंगे।
इस वीडियो की असल सच्चाई पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कौन सच कह रहा है और कौन झूठ यह तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा।