मध्य प्रदेश के इंदौर के पूर्व कांग्रेस नेता अक्षय बम चुनाव आते ही सुर्खियों में आ गए है। अचानक से कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से अक्षय का नाम लोगों के दिमाग में छप सा गया है। पिछले कुछ समय से ऐसा भी माना जा रहा है कि, नेता ED और CBI की रेड से बचने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं। शायद ऐसा ही कुछ सोचकर अक्षय भी भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन उनका यह निर्णय उनके लिए उतना फायदेमंद साबित हो नहीं रहा है, तभी तो उन्हें और उनके पिता को 17 साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में अरेस्ट वारंट मिला है।
मध्य प्रदेश अदालत ने शुक्रवार को अक्षय और उनके पिता कांतिलाल बम को अरेस्ट वारंट जारी किया है। अदालत ने पुलिस को दोनों पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर, उन्हें 8 जुलाई तक अदालत के सामने पेश करने के आदेश दिए हैं। दोनों के खिलाफ 2007 में भूमि विवाद और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। इन्हीं मामलों के संबंध में दोनों को 10 मई तक अदालत में पेश होना था, लेकिन दोनों में से कोई भी वहां नहीं पहुंचा था।
अक्षय के सरकारी वकील अभिजीत सिंह राठौड़ ने बताया कि, अक्षय ने कोर्ट से पेशी से छूट के लिए आवेदन किया था। उनके मुताबिक, उनकी पेशी न देने का कारण उनका एक पारिवारिक कार्यक्रम के लिए शहर से बाहर जाना था, जबकि पिता कांतिलाल बीमार थे और डॉक्टर ने उन्हें आराम करने के लिए कहा था। जिसके बाद सेशन कोर्ट ने उनके इस आवेदन को खारिज कर, उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। अब कोर्ट में दोनों की अगली पेशी 8 जुलाई को हैं।
बता दे कि, 24 अप्रैल को इंदौर के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (JMFC) ने दोनों को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे, और इसके पांच दिन बाद ही अक्षय ने इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम वापस ले लिया था।