कुछ ही दिन पहले अरविंद केजरीवाल को हवालात से छुटकारा मिला था। अंतरिम बेल मिलने के बाद अरविंद बहुत खुश थे। उन्हें ऐसा भी लगा था कि, अगर वह इस चुनाव में जीत जाएंगे तो उन्हें वापस जेल की चार दिवारी में कदम नहीं रखना पड़ेगा। जोरों शोरों से वह अपने चुनावी अभियान में भी लग गए थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी मुसीबतें वापस आते नजर आ रही हैं।
13 मई को “आप” की सांसद स्वाति मालीवाल ने अरविंद के निजी सहायोगी (PA) विभव कुमार पर, उनके साथ हिंसा करने का आरोप लगाया था। पुलिस को मिले बयान के मुताबिक, सोमवार को वह अरविंद से मिलने उनके घर गई थी। उसी दौरान विभव ने स्वाति पर हमला कर दिया था। एफआईआर में दिए गए बयान के मुताबिक, विभव द्वारा स्वाति के चेहरे पर 5-6 थप्पड़ और पेट के नीचे लात मारी गई थी। इसके अलावा जब यह सब हो रहा था उस दौरान अरविंद भी वहीं मौजूद थे।
यह घटना सोमवार को हुई थी और स्वाति ने अपना आधिकारिक बयान गुरुवार को दिया था। बयान के बाद विभव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पर सवाल यह उठता है कि, स्वाति को एफआईआर दर्ज करवाने में 4 दिन क्यों लग गए? क्या उन्हें किसी से धमकी मिली थी। कुछ दिन पहले स्वाति के पूर्व पति नवीन जयहिंद का एक वीडियो वायरल हुआ था। उसमें नवीन ने कहा था कि, स्वाति की जान को खतरा है। उनके मुताबिक, स्वाति को धमकाया गया था, इसलिए वह FIR दर्ज कराए बिना ही थाने से लौट गई थी। साथ ही में नवीन ने केजरीवाल और उनके साथियों की गिरफ्तारी की मांग भी की थी।
इसके अलावा इस मामले की पुष्टि खुद “आप” नेता संजय सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान की थी। हालांकि, अपने बयान में संजय ने अरविंद को मासूम बताते हुए पूरा इल्ज़ाम विभव पर डाल दिया था। पर सवाल यह नहीं है कि, इसमें अरविंद की भागेदारी थी या नहीं। पर सवाल यह है कि, क्या अब महिलाएं मुख्यमंत्री निवास में भी सुरक्षित नहीं है? जब एक महिला सांसद ही मुख्यमंत्री निवास में सुरक्षित नहीं है, तो फिर देश की आम महिलाओं के साथ जाने क्या नहीं हो सकता है।
इस मामले में अरविंद के ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है। हाल ही में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अरविंद और अखिलेश यादव से इस मामले के बारे में पूछा गया था। जिसमें अखिलेश ने जवाब दिया था कि, “अभी और भी महत्वपूर्ण बातें हैं जिन पर ध्यान देना है। इन बातों में वक्त जाया न किया जाए।” वहीं अरविंद ने तो चुप्पी साधी हुई थी। कमाल की बात है कि, यह वही नेता है जो देश और महिलाओं की सुरक्षा का हवाला देते हुए आम नागरिकों से वोटों की मांग कर रहें हैं।