इंदौर में कुछ समय पहले भीख/भिक्षा के लेनदेन के खिलाफ अभियान शुरू किया गया था। शहर के कलेक्टर आशीष सिंह ने शहर से भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए यह अभियान शुरू किया था। लेकिन अब इस अभियान ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है। आशीष सिंह ने शहर के विभागों के अधिकारियों को इस अभियान में एक बार फिर से तेजी लाने के लिए आदेश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने शहर में जगह-जगह ‘भिक्षा लेना और देना अपराध है’ के बैनर्स लगाने के भी आदेश दिए है। इसी नारे के आधार पर आगामी अभियान चलाया जाएगा।
इसके अलावा आशीष ने ऐसे भिखारियों पर भी कार्यवाई करने के आदेश दिये है, जो सामान बेचने के बहाने लोगों से भीख मांगते है। साथ ही शहर में भिखारियों के लिए रहने की जगह का इंतजाम भी किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत इनके कल्याण के लिए योजना भी चलाई जा रही है।
शहर में अन्य राज्यों से लोग आकर शहर के विभिन्न चौराहों पर समान बेचने के नाम पर लोगों से भीख मांगते थे। यह भिखारी चौराहे पर ही अपना डेरा डाल के रहते थे। ऐसे भिखारियों को पुलिस ने पकड़ कर शहर के भिक्षुक केंद्र में भेज दिया था। लेकिन अब फिर से शहर में इनकी बढ़ती संख्या दिखने लगी है।
आशीष के नए नियम के मुताबिक अब भीग देने वाले पर भी कार्यवाई होगी और उन्हें भी जुर्माना देना पड़ेगा। नए नियम के मुताबिक भीख देने वाले को भी अब भीख को बढ़ावा देने के जुर्म में हज़ार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। जुर्माने की यह योजना अगर सही साबित हुई तो आगे इसकी राशि बढ़ाई जा सकती है।