झारखंड की राजधानी रांची में एक महीने के अंदर दूसरी बार बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है। रांची के मोराबादी में राम कृष्ण आश्रम द्वारा संचालित पोल्ट्री फॉर्म ‘दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र’ में 770 बत्तखों समेत 920 पक्षियों को मार दिया गया है। साथ ही कुल 4,300 अंडों को भी नष्ट कर किया गया है। जिसके बाद सरकार ने अलर्ट जारी किया है।
इस इलाके में मुर्गे-मुर्गियों, पक्षियों और अंडों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। मोराबादी इलाके में रामकृष्ण मिशन की ओर से “दिव्यायन” नामक परिसर में बड़े पैमाने पर पोल्ट्री उत्पादन होता है। यहां 15 मई को पक्षियों की मौत के बाद उनके सैंपल की जांच के लिए भोपाल स्थित “नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटीज एनिमल डिजिज” को भेजे गए थे। जहां 20 मई को आई रिपोर्ट में एविएन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के एक प्रकार H5N1 बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।
अप्रैल में भी बर्ड फ्लू का केस आया था सामने
रांची में अप्रैल महीने में भी बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि विभागीय अधिकारियों ने की थी। उस समय रांची के होटवार इलाके स्थित पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पोल्ट्री फार्म की मुर्गियों के सैंपल की भोपाल स्थित सरकारी प्रयोगशाला में जांच कराने के बाद यह मामला सामने आया था।
क्या है बर्ड फ्लू ?
बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा या H5N1 एक ऐसी बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करती है, यह बीमारी टाइप A इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से फैलती है। यह ज्यादातर पक्षियों के लिए घातक होती है। हालांकि, यह बीमारी इंसानों को भी प्रभावित कर सकती है। वैसे यह वयरस तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमित पक्षी के संपर्क में आता है। देखा जाए तो यह वयरस आमतौर पर जंगली पक्षियों के जरिए पालतू पक्षियों में फैलता है। इंसानों में इसके मामले कम ही आते हैं। इसलिए जरूरी है कि, संक्रमित पक्षियों (मृत या जीवित) को न छुआ जाए।
क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण?
यह आमतौर पर बीमार पक्षी के संपर्क में आने से फैलता है। इस बीमारी में सर्दी, जुकाम, खांसी, सांस फूलना, मांसपेशियों में दर्द होना, सिर दर्द ठंड के साथ बुखार आना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इसके लक्षण सामने आने में करीब 2 से 8 दिन का समय लगता है।