उत्तरकाशी। सहस्त्रताल की ट्रैकिंग पर गया 22 सदस्यों वाले एक ट्रैकिंग दल के 9 सदस्यों की खराब मौसम के कारण मृत्यु हो गई है। बाकी सदस्यों के उच्च हिमालया ट्रैक रूट में फंसने की सूचना मिली थी। प्रशासन ने घटना की सूचना मिलते ही फंसे ट्रैकर्स को निकालने के लिए सुबह टीम भेज दी हैं। 10 ट्रैकर्स को रेस्क्यू कर लिया गया है और 3 स्थानीय लोग वहीं फंसे हैं।
अलग-अलग दिशाओं से रवाना हुए बचाव दल
उत्तरकाशी जिले के डीएम डॉक्टर मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया है कि, सहस्त्रताल के ट्रैकिंग रूट पर फंसे ट्रैकर्स को रेस्क्यू करने के लिए SDRF और वन विभाग के रेस्क्यू दल अलग-अलग दिशाओं से घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। वन विभाग की दस सदस्यों की रेकी और रेस्क्यू टीम सिल्ला गांव से आगे निकल चुकी है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से SDRF का दल भी टिहरी जिले के बूढ़ाकेदार की तरफ से रेस्क्यू शुरू करने के लिए रवाना हो चुका है।
ट्रैकर एजेंसी वालों ने क्या कहा ?
ट्रैकर एजेंसी के भगवत सेमवाल ने बताया कि, करीब साढ़े 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल पहुंचने के लिए भटवाड़ी ब्लाक के सोरा गांव से 45 किमी की लंबा सफर पैदल तय करना पड़ता है। इसके साथ ही इस ट्रैक के लिए मौसम आजकल खराब रहता है। लेकिन जब हाइट पर पहुंचते हैं तो वहां पर तेज हवा के साथ ही धुंध फैल जाती है। इस कारण ट्रैकर रास्ता भटक जाते हैं। इसी कारण इस ट्रैकर दल के सदस्य भी रास्ता भटक गए होंगे।
10 ट्रैकर्स हुए रेस्क्यू
सहस्त्रताल में फंसे 10 ट्रैकर्स को रेस्क्यू कर लिया गया है। इनमें सौम्या पत्नी विवेक उम्र 37, विनय पुत्र कृष्णमूर्ति उम्र 47, शिव ज्योति, सुधाकर पुत्र बीएस नायडू उम्र 64 वर्ष, सुमृति वाइफ ऑफ गुरु राज उम्र 40 वर्ष, सीना उम्र 48 वर्ष समेत 10 ट्रैकर शामिल हैं। सभी लोग कर्नाटक के रहने वाले हैं।