अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बुधवार को एक सहकर्मी के साथ तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए रवाना हुईं है। इसके साथ ही दोनों ने बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया हैं। विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ कई बार विलंब के बाद फ्लोरिडा के ‘केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन’ से रवाना हुआ हैं। विलियम्स ने इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला के रूप में भी इतिहास रचा।
अगर हम वापसी की बात करे तो वे अंतरिक्ष में घूमती प्रयोगशाला में एक सप्ताह से अधिक समय बिताएंगे। उसके बाद 14 जून को वापस आएंगे। इससे पहले 7 मई, 2024 को उड़ान भरने वाले थे लेकिन वाल्व से जुड़ी तकनीकी खराबी के कारण कुछ घंटे पहले इसे रोक दिया गया था। जिसके कारण कल यानी बुधवार को अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए हैं।
सुनीता विलियम्स ने 9 दिसंबर 2006 को एसटीएस-116 के चालक दल के साथ पहली अंतरिक्ष यात्रा एक्स्पीडिशन उड़ान भरी थी। जिसके बाद 11 दिसंबर 2006 को वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंची थी। पहली अंतरिक्ष यात्रा में उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 29 घंटे और 17 मिनट की चार बार चहलकदमी करने के साथ महिलाओं के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इसके बाद अंतरिक्ष यात्री पेग्गी व्हिटसन ने अंतरिक्ष में कुल पांच बार चहलकदमी कर 2008 में यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था। विलियम्स मई 1987 में अमेरिकी नौसैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं। उनको 1998 में नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था।
विलियम्स की दुसरी यात्रा की बात करे तो एक्स्पीडिशन 32/33 में विलियम्स ने रूसी सोयुज कमांडर युरी मालेनचेंको और जापान के फ्लाइट इंजीनियर अकीहिको होशिदे के साथ कजाखस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोन से 14 जुलाई 2012 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। उस वक्त विलियम्स ने प्रयोगशाला की परिक्रमा करते हुए 4 महीने का वक्त बिताया था। वह अंतरिक्ष में 127 दिन का वक्त बिताने के बाद 18 नवंबर 2012 को कजाखस्तान पहुंची थीं।
सुनीता की मां बोनी पांड्या ने एक मीडिया चैनल को बताया कि, उड़ान भरने से कुछ घंटे पहले उनकी बेटी काफी सकारात्मक थी और अंतरिक्ष में उड़ान भरने को लेकर बहुत ही खुश थी। वहीं, नासा ने आज नया अपडेट देते हुए कहा कि, सुनीता और बुच विलमोर दोनों कक्षा में स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर शुरुआती परीक्षण करने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।