इंदौर के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में पता चला है कि इंदौर में 40 प्रतिशत युवाओं में हाई कोलेस्ट्रॉल है। जिससे उन्हें हृदय रोग का खतरा है, जबकि 7.34 प्रतिशत को थायरॉइड की भी समस्या है और 34 प्रतिशत लोग बीपी की समस्याओं से पीड़ित हैं। इंदौर में हाल ही में किए गए एक स्वास्थ्य सर्वेक्षण से पता चला है कि 18 से 30 वर्ष की आयु के बीच हर चौथा युवा प्री-डायबटिक स्टेज में है।
प्री-डायबटिक में पुरुषों की संख्या ज्यादा
सर्वे करने वालीं डॉ. विनीता कोठारी के अनुसार इंदौर के स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 2.5 लाख लोगों पर 28 लाख से अधिक परीक्षण किए गए, जिनमें वे लोग भी शामिल थे जो खुद को स्वस्थ मानते थे। यह चौंकाने वाला निष्कर्ष ‘स्वास्थ्य इंदौर’ अभियान के तहत सामने आया है। सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि, सर्वे में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या अधिक थी।
एमपी सेवा संकल्प, सेंट्रल लैब, रेड क्रॉस सोसाइटी और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा संयुक्त रूप से किये गए, इस सर्वेक्षण को दुनिया का सबसे बड़ा प्रिवेंटिव हेल्थ केयर सर्वे कहा जा सकता है। कैंसर सर्जन डॉ. अरुण अग्रवाल ने कहा कि, खराब जीवनशैली कैंसर के मरीज बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि हम अब पूरे मध्यप्रदेश में 10 लाख से ज़्यादा लोगों की जांच करने जा रहे हैं।
दो साल तक लगातार जांच चली
इंदौर में 30,000 लोगों में से 2.5 लाख लोगों में से हर चौथा युवा प्री-डायबिटीज स्टेज में पाया गया है। साथ ही इंदौर में 7.34 प्रतिशत युवाओं को थायरॉइड की समस्या है। करीब दो प्रतिशत लोगों में क्रिएटिनिन का स्तर अधिक है। जांच में पता चला है कि इंदौर में 10 प्रतिशत से अधिक युवा लीवर की बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं, उनका एसजीपीटी स्तर अधिक पाया गया है। 39.50 प्रतिशत लोगों में कोलेस्ट्रॉल अधिक है। इंदौर में 34 प्रतिशत लोगों को रक्तचाप की समस्या है, युवाओं का बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई स्तर 33.5 प्रतिशत अधिक पाया गया है और करीब 18 प्रतिशत युवा मोटापे से ग्रस्त पाए गए हैं।
10 लाख से अधिक लोगों का होगा टेस्ट
“स्वस्थ मध्यप्रदेश” पहल का उद्देश्य राज्य भर में 10 लाख युवाओं के स्वास्थ्य परीक्षण करके युवाओं में गंभीर बीमारियों से लड़ना है। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि, “कार्यक्रम में प्रारंभिक पहचान और समय पर उपचार पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें निवारक स्वास्थ्य परीक्षण और विशेषज्ञ मार्गदर्शन प्रमुख घटक हैं। इस पहल का उद्देश्य व्यापक जांच और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से इन स्वास्थ्य मुद्दों को संबोधित करना है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना और राज्य की युवा आबादी में गंभीर बीमारियों की शुरुआत को रोकना है।”