मध्यप्रदेश में लापता महिलाओं और लड़कियों को लेकर एक चौंकाने वाला डेटा सामने आया है, जिसके मुताबिक मध्यप्रदेश में हर दिन 28 महिलाएं और 3 बच्चियां लापता हो रही हैं। 1 जुलाई 2021 से 31 मई 2024 के बीच प्रदेश में आधी आबादी से 31,801 गुमशुदा हो गईं हैं, जिसमें 28,857 महिलाएं और 2,944 लड़कियां हैं।
मध्यप्रदेश में आधी आबादी को लेकर सामने आया यह आंकड़ा हैरान करता है, क्योंकि उक्त आंकड़े रजिस्टर्ड हैं, जबकि महिलाओं की गुमशुदगी के केवल 724 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जो कुल मामलों का केवल 3 फीसदी ही है।
उज्जैन जिले में चौंकाने वाले आंकड़े
सबसे चौंकाने वाला मामला उज्जैन जिले का है, जहां पिछले 34 महीनों में एक भी गुमशुदगी का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया, जबकि इसी अवधि में 676 महिलाएं गायब हुई हैं। मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक नगरी के रूप में उज्जैन को जाना जाता हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जिले उज्जैन में पिछले 5 माह में 422 महिलाएं गुम हुईं, जिसमें से 250 बरामद हुईं, लेकिन 172 अब भी गायब हैं। 127 बच्चियां गायब हुईं, इसमें से 88 बरामद हुईं और 39 अब भी लापता हैं।
इंदौर में सबसे ज्यादा गुम हुईं बच्चियां
विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक बच्चियों और महिलाओं के गुम होने की इंदौर में सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। पिछले 5 माह यानी 1 जनवरी 2024 से 31 मई 2024 तक गायब होने के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
इंदौर शहर
इस साल पिछले पांच माह में इंदौर में 1015 महिलाएं गुम हुईं। जिसमें से 527 बरामद हुईं, लेकिन 479 अब भी गुमशुदा हैं। बच्चियां उस दौरान 268 गायब हुईं, जिसमें से 189 बरामद हुईं, जबकि 72 अब भी गुमशुदा हैं।
ग्वालियर शहर
ग्वालियर में 468 महिलाएं गुम हुईं, जिसमें से 187 बरामद हुईं 214 अब भी लापता हैं। जबकि 129 बच्चियां गुम हुईं, जिसमें से 85 बरामद हुईं और 25 अब भी लापता हैं।
जबलपुर शहर
पांच माह के दौरान 697 महिलाएं गायब हुईं, जिसमें से 318 बरामद हुईं, लेकिन 379 अब भी गायब हैं। इसी तरह 199 गुम हुईं बच्चियों में से 134 बरामद हुईं, लेकिन 65 अब भी लापता हैं।
भोपाल शहर
भोपाल में पिछले 5 माह के दौरान 626 गायब हुईं महिलाओं में से 401 बरामद की गईं. 225 अब भी लापता हैं। इसी तरह 184 गुम बच्चियों में से 136 बरामद हुईं और 48 अब भी गायब हैं।
महिलाओं के मामलों में दर्ज नहीं हो रहे प्रकरण
कांग्रेस MLA और पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा जो जानकारी दी गई है, उससे पता चलता है कि सरकार बच्चियों के गुम होने के मामले में तो प्रकरण पंजीबद्ध कर रही है, लेकिन महिलाओं के गुम होने के मामले में प्रकरण ही दर्ज नहीं कर रही। ग्वालियर में 214 महिलाएं पिछले एक माह से ज्यादा समय से लापता हैं, लेकिन इसके बाद पुलिस ने सिर्फ 3 प्रकरण ही पंजीबद्ध किए हैं।
महिलाओं और लड़कियों की गुमशुदगी के बारे में सीएम डॉ मोहन यादव ने ये तो साफ कर दिया की सरकार को पता है, लेकिन क्या सरकार ध्यान नहीं दे रही है? कौन लेगा इसकी जिम्मेदारी? सरकार क्यू ध्यान नहीं दे रही है? क्या महिलाओं और लड़कियों के घर वाले ही नहीं चाहते है केस दर्ज कराना या फिर पुलिस वाले उनके परिवार की मदद नहीं कर रहे हैं।