इंदौर में भारी बारिश के बीच 15 घरों पर बुलडोजर चला दिया गया है। शहर के न्याय नगर की कृष्णबाग कॉलोनी में नगर निगम की टीम ने शुक्रवार को बारिश के दौरान 100 से अधिक घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई करने पहुंची थी। जहां लोगों के विरोध के बाद प्रसाशन को वापस लौटना पड़ा। इस दौरान लोगों ने हंगामा और हाथापाई भी की। हालांकि इसके बाद प्रसाशन ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। वहीं रहवासियों को 6 अगस्त तक घर खाली करने का समय दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
अतिक्रमण के मामले को लेकर एडीएम रोशन राय ने बतया कि, यह जमीन श्रीराम बिल्डर के नाम पर है। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही हमने कार्यवाही की है। न्याय नगर में 100 से ज्यादा अवैध मकान चिंहित किए गए थे। हालांकि यह मामला अदालत में 21 साल से विचाराधीन है। जिसमें 35 मकान पर ढहाए की कार्यवाही की जानी है।
महिलाओं ने किया विरोध प्रदर्शन
इस कार्यवाही के विरोध में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं शामिल रहीं। लेकिन बाद में पुरुष भी आगे आकर विरोध करने लगे। उन्होंने बताया कि हमने पूरा टैक्स जमा किया है। हमारे पास निगम के मकान संबंधी जमा किए गए सभी टैक्स की रसीदें हैं और हम यहां पर करीब 20 सालों से ज्यादा समय से रह रहे हैं।
20 सालों से इस इलाके में रह रहे लोग
कई निवासी, जो 20 सालों से इस इलाके में रह रहे थे और जिन्होंने अपने घरों में भारी निवेश किया था, उन्होंने इस कार्रवाई के विरूद्ध अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने तर्क दिया कि उनके पास वो सभी कागज़ है जिसमें इस बात का जिक्र है कि ये घर उनका, लोगों का कहना है कि, उन्होंने घर बनाने के लिए क्या-क्या नहीं किया यहां तक की कई लोगों ने अपने घर की एक एक इट जोड़ने के लिए लोन तक ले लिया था। बता दें कि जिस जमीन पर कॉलोनी बनाई गई थी, वह श्री राम बिल्डर्स की थी, जिन्होंने अवैध संरचनाओं को हटाने के लिए अदालत से हस्तक्षेप की मांग की थी। अदालत के आदेश के बाद 21 साल से अधिक समय से चल रहा कानूनी विवाद खत्म हो गया। तोड़फोड़ से पहले, निवासियों को अपना सामान हटाने के लिए समय दिया गया था, जिसे उन्हें खुले में छोड़ना पड़ा। अपने घरों और संपत्तियों के विनाश से प्रभावित परिवारों में काफी परेशानी हुई है।
भारी बरसात के बीच लोगों के घर पर नहीं लोगों के ऊपर बुलडोजर चलाया जा रहा है। 100 से ज्यादा परिवार इस मौसम में कहां जाएगा? ये बात प्रशासन को सोचना चाहिए। लोग जब अपना घर बनाते है तो कई वर्षों की पूंजी और मेहनत अपनी लगा देते हैं। इस तरह की कार्यवाही कई सवाल खड़े कर रही हैं।