मणिपुर में एक बार फिर हाथापाई और झड़प का मामला सामने आया है। इस बार यह झड़प सुरक्षा बलों और आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (IDP) के बीच इंफाल में हुई है। दरअसल, इंफाल IDP की विरोध रैली चल रही थी, जिसे तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने उन पर आंसू गैस के गोले दाग दिए।
अकम्पट राहत शिविर के लगभग 100 IDP लोगों ने उनके लिए तत्काल पुनर्वास की व्यवस्था करने और सरकार के हस्तक्षेप की तत्काल मांग करते हुए अकम्पट की सड़कों पर मार्च किया। इसी रैली को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस झड़प में करीबन तीन लोग घायल हुए हैं, वहीं एक टीवी पत्रकार पर हमला भी हुआ है।
इस रैली में राहत शिविर में रहने वाले लोग अपने हाथों में तख्तियां और बैनर लिए घूम रहे थे और अपनी मांग कर रहे थे। रैली करने वालो की मांग है कि, वे मोरेह, टेंग्नौपाल जिले और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में अपने घरों में वापस लौट जाए। अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में मई 2023 में जातीय हिंसा शुरू हुई थी जिसमें अब तक 226 लोगों की जान जा चुकी है और 59,000 से अधिक लोग ऐसे जो अपने घर से बिछड़ गए हैं।
इस रैली में स्थानीय लोग शामिल हो गए थे और सुरक्षा बलों द्वारा रोके जाने पर वह उन पर पत्थरबाजी करने लगे थे। यह रैली प्रदर्शन करीबन एक किलोमीटर की दूरी तक जारी रहा, जिसके बाद इंफाल के सिंगजामेई में सुरक्षा बलों सहित अतिरिक्त सुरक्षा बलों ने उसे रोक दिया।
वहीं बुधवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री” एन. बीरेन सिंह” ने विधानसभा में बताया कि, मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा के कारण अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 59,000 से ज़्यादा विस्थापित लोग फिलहाल राहत शिविरों में रह रहे हैं, क्यूंकि हिंसा और अशांति के कारण लगभग 11,133 घर नष्ट हो गए हैं।
इस रैली की कवरेज के दौरान, इंफाल के एक न्यूज समाचार “इम्पैक्ट न्यूज़” के रिपोर्टर ‘आर.सी मंगंगचा’ पर सुरक्षा बलों द्वारा हमला किया गया। उन पर तब भी हमला हुआ जब उन्होंने खुद को पहले ही पत्रकार बता दिया था। मंगंगचा पर हुए हमले के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया है।
दरअसल, मंगंगचा उस रैली की फुटेज लेने की कोशिश कर रहे थे, तभी यह विवाद शुरू हुआ और उन पर हमला हो गया। चश्मदीद गवाहों का दावा है कि, मंगंगचा को रैली के दौरान जबरदस्ती हिरासत में लिया गया था और उनके उपकरण को तोड़ भी दिया था। इम्पैक्ट न्यूज़ के मुताबिक, “मंगंगचा को छाती पर लात मारी गई थी और खुद को पत्रकार बताने के बावजूद उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया था। उनकी ठोड़ी पर टांके लगे हैं और अस्पताल में उनकी छाती का एक्स-रे भी लिया गया है।”
इस घटना के बाद मणिपुर पत्रकार की बिरादरी ने मंगंगचा पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। सूत्रों के अनुसार, ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर गिल्ड ऑफ मणिपुर मंगंगचा से मिलने अस्पताल भी पहुंच गए हैं। इस घटना के बाद अब मीडिया कर्मियों की सुरक्षा पर भी गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं।