By using this site, you agree to the Privacy Policy
Accept
May 17, 2025
The Fourth
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Reading: स्वामी विवेकानंद का ऐतिहासिक भाषण और उसका वैश्विक प्रभाव
Font ResizerAa
The FourthThe Fourth
Search
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Follow US
WhatsApp Image 2024 09 11 at 5.41.08 PM - The Fourth
Fourth Special

स्वामी विवेकानंद का ऐतिहासिक भाषण और उसका वैश्विक प्रभाव

11 सितंबर 1893, शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन किया गया था।

Last updated: सितम्बर 11, 2024 5:49 अपराह्न
By Rajneesh 8 महीना पहले
Share
7 Min Read
SHARE

आज 11 सितंबर है। फोन पर जब मैंने आज की तारीख देखी तो मुझे कई साल पहले आज ही के दिन घटित हुई एक ऐतिहासिक घटना की याद आ गई। 11 सितंबर 1893, शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन किया गया था। वहां भारत के एक युवा संन्यासी जब अपने पीले नारंगी वस्त्रों में मंच पर आए और अपने पहले शब्द “अमेरिका के मेरे भाइयों और बहनों” के साथ सभा को संबोधित किया, तब वहाँ उपस्थित लगभग 7,000 लोग अपने सीटों से खड़े होकर ताली बजाने लगे। यह केवल एक भाषण नहीं था; यह भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और सभ्यता का विश्व मंच पर पुनर्जागरण था। स्वामी विवेकानंद ने जो भाषण दिया था उसके बाद पूरी दुनिया में भारत की छवि बदल गई और सारी दुनिया भारत की मुरीद हो गई थी।

स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण में वेदांत और हिंदू धर्म के सिद्धांतों को प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता और सम्मान का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी धर्म एक ही परम सत्य की ओर ले जाते हैं और सभी का सम्मान करना आवश्यक है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों और उसकी सहनशीलता का जिक्र किया।

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत ने हमेशा अपने धर्म और संस्कृति को जीवन के हर पहलू में लागू किया है। भारत की भूमि, जो विविधताओं से भरी हुई है, ने हमेशा सभी धर्मों को स्वीकारा और उन्हें पनपने का अवसर दिया। उनके इस संदेश ने उन लोगों की आंखें खोल दीं जो भारत को एक गरीब और पिछड़ा हुआ देश मानते थे। पश्चिमी देशों में जहां भारत को पहले केवल एक आध्यात्मिक और रहस्यमयी देश के रूप में देखा जाता था, वहीं इस भाषण ने भारत को एक मजबूत और विचारशील देश के रूप में प्रस्तुत किया।

उस ऐतिहासिक भाषण के कुछ खास अनुवादित अंश :-

“सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा” — विवेकानंद

  1. अमरीकी भाइयों और बहनों, आपने जिस स्नेह के साथ मेरा स्वागत किया है उससे मेरा दिल भर आया है। मैं दुनिया की सबसे पुरानी संत परंपरा और सभी धर्मों की जननी की तरफ़ से धन्यवाद देता हूं। सभी जातियों और संप्रदायों के लाखों-करोड़ों हिंदुओं की तरफ़ से आपका आभार व्यक्त करता हूं।
  2. मैं इस मंच पर बोलने वाले कुछ वक्ताओं का भी धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने यह ज़ाहिर किया कि दुनिया में सहिष्णुता का विचार पूरब के देशों से फैला है।

“दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।” — विवेकानंद

  1. मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ़ सार्वभौमिक सहिष्णुता पर ही विश्वास नहीं करते बल्कि, हम सभी धर्मों को सच के रूप में स्वीकार करते हैं।
  2. “मुझे गर्व है कि मैं उस देश से हूं जिसने सभी धर्मों और सभी देशों के सताए गए लोगों को अपने यहां शरण दी। मुझे गर्व है कि हमने अपने दिल में इसराइल की वो पवित्र यादें संजो रखी हैं जिनमें उनके धर्मस्थलों को रोमन हमलावरों ने तहस-नहस कर दिया था और फिर उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली।”

“जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते हैं।” — विवेकानंद

  1. “मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिसने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने अपने हृदय में उन इजरायलियों की पवित्र स्मृतियां संजोकर रखी हैं, जिनके धर्म स्थलों को रोमन हमलावरों ने तोड़-तोड़कर खंडहर बना दिया था और तब उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली थी। मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं जिसने पारसी धर्म के लोगों को शरण दी और लगातार अब भी उनकी मदद कर रहा है।”
  2. “मैं इस मौके पर वह श्लोक सुनाना चाहता हूं जो मैंने बचपन से याद किया और जिसे रोज़ करोड़ों लोग दोहराते हैं। ”जिस तरह अलग-अलग जगहों से निकली नदियां, अलग-अलग रास्तों से होकर आखिरकार समुद्र में मिल जाती हैं, ठीक उसी तरह मनुष्य अपनी इच्छा से अलग-अलग रास्ते चुनता है। ये रास्ते देखने में भले ही अलग-अलग लगते हैं, लेकिन ये सब ईश्वर तक ही जाते हैं।”

“भला हम भगवान को खोजने कहां जा सकते हैं अगर उसे अपने दिल और हर एक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते।” — विवेकानंद

  1. “मौजूदा सम्मेलन जो कि आज तक की सबसे पवित्र सभाओं में से है, वह अपने आप में गीता में कहे गए इस उपदेश इसका प्रमाण है: ”जो भी मुझ तक आता है, चाहे कैसा भी हो, मैं उस तक पहुंचता हूं।लोग अलग-अलग रास्ते चुनते हैं, परेशानियां झेलते हैं, लेकिन आखिर में मुझ तक पहुंचते हैं।”
  2. “सांप्रदायिकता, कट्टरता और इसके भयानक वंशजों के धार्मिक हठ ने लंबे समय से इस खूबसूरत धरती को जकड़ रखा है।उन्होंने इस धरती को हिंसा से भर दिया है और कितनी ही बार यह धरती खून से लाल हो चुकी है। न जाने कितनी सभ्याताएं तबाह हुईं और कितने देश मिटा दिए गए।”
  3. “यदि ये ख़ौफ़नाक राक्षस नहीं होते तो मानव समाज कहीं ज़्यादा बेहतर होता, जितना कि अभी है। लेकिन उनका वक़्त अब पूरा हो चुका है। मुझे उम्मीद है कि इस सम्मेलन का बिगुल सभी तरह की कट्टरता, हठधर्मिता और दुखों का विनाश करने वाला होगा। चाहे वह तलवार से हो या फिर कलम से।”

उस दिन महज़ 468 शब्दों मे स्वामी जी ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया कि उसके बाद कम्यूनिटी हॉल कई मिनटों तक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। विवेकानंद जी द्वारा दिया गया यह भाषण आज भी भारतीयों को गर्व से भर देता है।

You Might Also Like

सम्पूरन जब ‘गुलज़ार’ हुए तो कईयों की जिंदगी भी गुलज़ार हो गई!

नीरज चोपड़ा यानी भारत का बाहु – बल, कैसे उन्होंने फेंका इतिहास रचने वाला एक थ्रो?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का Diplomatic कदम, 7 All Party Delegations विदेश दौरे पर

भारत के Short Range Air Defence System …पाकिस्तान को हराने में अहम योद्धा!

IPL में विदेशी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी से पलट सकता है Playoffs का गणित

TAGGED: chicagospeech, culturalllegacy, globalimpact, globalinfluence, historicspeech, indianheritage, interfaithdialogue, peaceandunity, philosophy, spirituality, swamivivekananda, thefourth, thefourthindia, vivekananda
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

Follow US

Find US on Social Medias

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading

Popular News

WhatsApp Image 2025 04 02 at 10.00.39 AM - The Fourth
Fourth Special

ऑटिस्टिक व्यक्तियों की देखभाल परिवार और समाज दोनों की ज़िम्मेदारी!

2 महीना पहले

मणिपुर में कुकी उग्रवादियों ने ड्रोन से बरसाए बम, 2 की मौत, कई घायल

हार्वेस्ट मून साल का आखिरी सुपरमून आज रात दिखाई देगा

‘अखाड़ा नहीं तो क्या… साध्वी बन कर रहूंगी’… बच्ची ने कहा

मुंबई की दमदार वापसी, हैदराबाद को चार विकेट से हराया!

You Might Also Like

WhatsApp Image 2025 05 16 at 2.24.47 PM - The Fourth
World

क्या तालिबान भारत से नज़दीकियाँ बढ़ा रहा है? भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच एक नई विदेश नीति की दिशा

2 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 15 at 4.18.59 PM - The Fourth
World

बलूच महिलाओं का दमन और विद्रोह!

2 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 15 at 3.51.38 PM - The Fourth
India

भारतीय वायुसेना की बड़ी सफलता, Defence System को जाम कर कुछ Minutes में पूरा किया Operation

2 दिन पहले
imf logo - The Fourth
World

आतंक के दलाल को फिर Bailout, क्या IMF पर विश्वास करना चाहिए?

3 दिन पहले
The Fourth
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Lifestyle
  • Science
  • Sports

Subscribe to our newsletter

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading
© The Fourth 2024. All Rights Reserved. By PixelDot Studios
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?