By using this site, you agree to the Privacy Policy
Accept
June 6, 2025
The Fourth
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Reading: आज की तारीख – 36: संसद हमले की 23वीं बरसी, वीर शहीदों को नमन!
Font ResizerAa
The FourthThe Fourth
Search
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Follow US
WhatsApp Image 2024 12 13 at 3.03.59 PM - The Fourth
Fourth Special

आज की तारीख – 36: संसद हमले की 23वीं बरसी, वीर शहीदों को नमन!

23 साल बाद, संसद हमले की घटना एक गहरी याद बन चुकी है। लोकतंत्र की रक्षा में कई वीरों ने अपना बलिदान दे दिया था।

Last updated: दिसम्बर 21, 2024 2:35 अपराह्न
By Rajneesh 6 महीना पहले
Share
9 Min Read
SHARE

आज से ठीक 23 साल पहले, यानी 13 दिसंबर 2001 को भारत ने एक ऐसा दिन देखा, जिसकी गूंज आज भी हर दिल और दिमाग में मौजूद है। यह दिन था जब दिल्ली के लाल किले से महज कुछ किलोमीटर दूर भारतीय संसद भवन में एक आतंकवादी हमला हुआ। यह दिन दिल्ली में ठंडी और धुंध भरी सुबह लेकर आया था। संसद का सत्र चल रहा था, और सांसद अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे। सुबह करीब साढ़े नौ बजे, कुछ खास नहीं लग रहा था। लेकिन जैसे ही गाड़ियों का काफिला संसद भवन के सामने से गुजरने लगा, एक खौ़फनाक घटना घटने वाली थी।

11 बजकर 29 मिनट, संसद का गेट नंबर 11…तत्कालीन उपराष्‍ट्रपति कृष्‍णकांत के काफिले में तैनात सुरक्षाकर्मी अब उनके सदन के बाहर आने का इंजार कर रहे थे। ठीक उसी समय एक सफेद एंबेसडर कार उपराष्‍ट्रपति के काफिले की तरफ तेजी से आती हुई दिखाई देती है। इस कार की रफ्तार संसद के अंदर आने वाली कारों की तय रफ्तार से कहीं तेज थी। अभी कोई कुछ समझ ही पाता कि उस कार के पीछे लोकसभा सुरक्षाकर्मचारी जगदीश यादव कार के पीछे भागते हुए नजर आये। वह लगातार उस कार को रुकने का इशारा कर रहे थे। जगदीश यादव को कार के पीछे यूं बेतहाशा भागते देख उप राष्‍ट्रपति के सुरक्षा में तैनात एएसआई राव, नामक चंद और श्‍याम सिंह भी उस कार को रोकने के लिये उसकी तरफ भागे। इन सुरक्षाकर्मियों को अपनी ओर आते देख कार का चालक फौरन कार को गेट नंबर 1 की तरफ मोड़ देता है जहां उप राष्‍ट्रपति की कार खड़ी थी। तेज रफ्तार और मोड़ के चलते कार चालक कार पर से नियंत्रण खो देता है और कार सीधे उप राष्‍ट्रपति की कार से जा टकराती है। इस टक्‍कर के बाद कोई कुछ समझ पाता कि उस कार के चारों दरवाजे एक साथ खुलते हैं और गाड़ी में बैठे पांच आतंकवादी पलक झपकते ही बाहर निकलते हैं और अंधाधूंध फायरिंग शुरु कर देते हैं।

पांचों आतंकवादी AK-47 से लैस थे और उनके पीठ पर एक-एक बैग था। यह पहली बार था जब आतंकी लोकतंत्र की दहलीज पार कर अंदर आ गये थे। उनके चेहरे ढके हुए थे, और उनका उद्देश्य साफ था—भारत के लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रतीकों को जड़ से हिला देना। जैसे ही वे संसद भवन के बाहर पहुंचे, उन्होंने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद, सुरक्षाबल भी अलर्ट हो गए और मुठभेड़ शुरू हो गई। संसद भवन गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था। आतंकवादियों ने अपना सबसे पहला निशाना उन चार सुरक्षाकर्मियों को बनाया जो उनकी कार रोकने की कोशिश कर रहे थे।

इस मुठभेड़ में सबसे पहले दिल्ली पुलिस के जवान, दिल्ली पुलिस के एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) और अन्य सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला। संसद भवन के अंदर बैठे सांसदों को लगा कि बाहर कोई पटाखे जला रहा है। अंदर किसी को भनक भी नहीं थी कि बाहर हर तरफ कोहराम मचा हुआ है। कुछ सांसद और पत्रकार अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे। बाहर, आतंकवादी संसद भवन के मुख्य दरवाजे पर पहुंचे थे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें अंदर घुसने से रोक दिया।

आतंकी अपनी जान की बाजी लगाकर भी संसद के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षा बलों की वीरता के कारण वे सफल नहीं हो सके। दो आतंकी मारे जा चुके थे। दोपहर के 12 बजकर 5 मिनट तक अब सिर्फ तीन आतंकी बचे थे और उन्‍हें यह पता था कि वह संसद भवन से जिंदा वापस नहीं लौटेंगे इ‍सलिये उन्‍होंने संसद के अंदर घुसने की एक आखिरी कोशिश की। इस कोशिश के तहत वह गोलियां बरसाते हुए संसद भवन के गेट नंबर 9 की तरफ भागे। मगर मुस्‍तैद जवानों ने उन्‍हें गेट नंबर 9 के पहले ही घेर लिया। उस समय जवानों ने भी अपने सिर पर कफन बांध लिया था और हर मुकाबले के लिये तैयार थे।

यह पूरा ऑप्रेशन 45 मिनट चला था मगर उसके बाद भी रुक-रुक कर गोलियां चलने की आवाज आ रही थी। सेना, बम निरोधक दस्‍ता और एनएसजी ने संसद को चारों तरफ से घेर लिया था। संसद अब भी सुरक्षित नहीं था क्‍योंकि जगह जगह ग्रेनेड गिरे हुए थे और वह थोड़ी थोडी देर में ब्‍लास्‍ट कर रहे थे। कुछ घंटों में बम निरोधक दस्‍ते ने बम को निष्‍क्रिय कर दिया, संसद अब पूरी तरह सुरक्षित था। इस ऑपरेशन में सभी पांच आतंकी मारे गए। वहीं, एक माली समेत हमारे आठ सुरक्षा जवान भी शहीद हो गए। हमले में करीब 15 लोग घायल भी हुए थे। आतंकियों की कार से करीब 30 किलो आरडीएक्स बरामद हुआ था। उस समय संसद में करीब 200 सांसद व मंत्री भी मौजूद थे। लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

हमला करने वाले आतंकवादी पाकिस्तान से जुड़े थे, और उनका संबंध जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन से था। यह संगठन कश्मीर में भारत के खिलाफ हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार था। यह हमला उसी कड़ी का हिस्सा था, जिसमें भारत में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने लगी थीं। उनकी योजना संसद भवन में घुसकर एक बड़ा आतंकी हमला करना था, लेकिन उनकी योजना असफल हो गई। संसद पर हमले के आरोप में मोहम्मद अफजल गुरु, शौकत हुसैन गुरु, शौकत की पत्नी अफसाना और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसआर गिलानी को गिरफ्तार किया था। दोषी पाए जाने के बाद अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी की सजा दी गई। वहीं शौकत हुसैन गुरु को 10 साल जेल की सजा हुई थी। बाकी लोगों को रिहा कर दिया गया था।

भारत सरकार ने इस घटना की निंदा की और पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे भारतीय लोकतंत्र पर हमला बताया। संसद में विशेष सत्र बुलाया गया, और आतंकवाद के खिलाफ कड़ी रणनीतियों पर विचार विमर्श हुआ। हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाया और दुनिया भर में यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई लगातार जारी रहेगी। यह घटना देश में एक बड़ा सुरक्षा संकट लेकर आई, लेकिन भारत के सुरक्षा बलों की बहादुरी और दृढ़ता ने हमलावरों को नाकाम कर दिया।

आज, 23 साल बाद, संसद हमले की घटना एक गहरी याद बन चुकी है। यह हमले ने ना केवल भारतीय सुरक्षा बलों की वीरता को दिखाया, बल्कि यह भी बताया कि भारतीय लोकतंत्र पर किसी भी प्रकार का हमला न केवल एक अपराध है, बल्कि एक संदेश है, जिसे हमें मजबूत इरादों से काटना होगा। उस दिन के बाद से, भारतीय सुरक्षा तंत्र ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, ताकि इस तरह के हमले फिर से न हो सकें।

आज संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी के मौके पर देश अपने वीर बलिदानों को याद कर रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद हमले के बलिदानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

You Might Also Like

America में नहीं घुस पायेंगे 12 देशों के नागरिक, Trump ने क्यूँ लगाया बैन?

Laura McClure ने संसद में दिखाया था खुद का Deep fake Nude पोस्टर, साहसिक कदम से अहम मुद्दे पर खिंचा सबका ध्यान

IPL 2025 का महामुकाबला: कौन बनेगा नया Champion – पंजाब या बेंगलुरू?

AI के Misuse से personality rights का उल्लंघन एक चिंताजनक सवाल, सद्गुरु के मामले में कोर्ट ने दिया अहम ऑर्डर!

यूक्रेन ने रूस पर किया पर्ल हार्बर जैसा हमला! क्या अमेरीका की तरह Nuclear Attack से जवाब देगा रूस?

TAGGED: anti terrorism, india attack, Indian history, indian martyrs, indian security forces, Martyrdom, Parliament, parliament attack, remembering heroes, safety and security, Terrorism, thefourth, thefourthindia
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

Follow US

Find US on Social Medias

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading

Popular News

download 1 5 - The Fourth
India

बस ड्राइवर ने खुद जाते जाते बचा ली कईयों की जान

2 वर्ष पहले

McKinsey अपने कर्मचारियों के लिए लेकर आया नया ऑफर!

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मे अब तक भारत क्यूँ नहीं?

सिंगर शुभ का जमकर हो रहा विरोध, boat ने वापस ली sponsorship

दिल्ली का विजय रथ थमा, मुंबई 12 रन से जीती

You Might Also Like

WhatsApp Image 2025 06 02 at 10.27.04 AM - The Fourth
Sports

Qualifier-2 में पंजाब ने मुंबई को हराकर 11 साल बाद रखा Final में कदम

5 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 31 at 1.56.40 PM - The Fourth
India

अंकिता भंडारी को कोर्ट से मिला न्याय, तीनों कातिलों की जेल में कटेगी बाकी उम्र

7 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 31 at 10.54.02 AM - The Fourth
Fourth Special

देवी अहिल्याबाई होळकर: धर्म, न्याय और शक्ति का संगम

7 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 29 at 4.52.13 PM - The Fourth
World

क्यों ट्रम्प के दिए रोल से पीछे हट रहे हैं मस्क?

1 सप्ताह पहले
The Fourth
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Lifestyle
  • Science
  • Sports

Subscribe to our newsletter

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading
© The Fourth 2024. All Rights Reserved. By PixelDot Studios
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?