भोपाल। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत- हार का फैसला करने के बाद अब बजरंगबली की एंट्री मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी हो चुकी है। कर्नाटक में बजरंगबली का नाम लेने की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। मध्यप्रदेश में ये शुरुआत कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने की है। उमंग में अपनी ही विधानसभा के एक कार्यक्रम में कहा कि बजरंगबली तो आदिवासी थे। भगवान राम को लंका तक पहुंचाने वाले ज्यादातर लोग आदिवासी ही थे। मैं तो कहता हूं हनुमान जी भी आदिवासी थे। गर्व से कहो कि हम आदिवासी है ।
बिरसा मुंडा, टंट्या भील को हनुमान का वंशज बताया
सिंघार ने कहा कि कहानीकारों ने हमें भ्रमित किया है। हमारे समाज के टंट्या भील और बिरसा मुंडा हनुमान जी के वंशज हैं। बयान पर बवाल होने के बाद भी सिंघार अपनी बात पर कायम है। ट्विटर पर लिखा कि आखिर मैंने ऐसा क्या गलत कह दिया ? क्या मैंने हनुमान जी को आदिवासी कहा तो उनका अपमान हो गया है। क्या हम आदिवासियों को देवी देवताओं के वर्णन की इजाजत नहीं है। मैं जानता हूं मेरे खिलाफ भाजपा सरकार के लोग ही जहर घोल रहे हैं। मैं इनके खिलाफ लड़ता हूं तो इन्हें खटक रहा हूं क्योंकि मैं आदिवासी हूं। जेल में नहीं डाल पा रहे हैं तो केस लाद रहे हैं। मैं वोटरों से गुजारिश करता हूं कि इन भाजपाइयों को गांव में मत घुसने देना वरना आप लोगों का भविष्य खराब हो जाएगा।
लाड़ली बहना योजना बस चार महीने की
सिंघार ने अपने भाषण में भाजपा पर भी निशाना साधा। शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना पर कहा की ये योजना 4 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी। सरकार के पास पैसा ही नहीं है। दूसरी योजनाओं का पैसा काट कर महिलाओं को लुभाने में इस्तेमाल कर रहे हैं। 4 महीने बाद आचार संहिता लग जाएगी और यह पैसा बंद हो जाएगा। अब प्रदेश की महिलाओं को फैसला करना है कि उन्हें इस प्रलोभन में आना है या नहीं। भाजपा सरकार का सारा पैसा तो प्रचार – प्रसार और विकास यात्रा में खर्च हो रहा है। आम आदमी के लिए इनके पास सिर्फ झूठे वादे और जुमले ही हैं।
आदिवासी एक्ट पर बोले
सिंघार ने कहा कि आदिवासी एक्ट नाम का कानून बनाया गया था। लेकिन सच यह है कि यह सिर्फ कागज पर बना। कहीं भी अमल में नहीं आया है। क्या किसी पंचायत को अधिकार दिए गए हैं ? क्या ए फायर की जांच की जा रही है ? ऐसे कई सवाल इस सरकार से पूछे जाने चाहिए। जो भी सवाल पूछता है उसे या तो कानूनी पचड़े में फंसा देते हैं या जेल में डाल देते हैं।