अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से संगठन लगातार मुहर्रम मनाने पर प्रतिबंध लगाता जा रहा है। लेकिन हाल ही में तालिबान ने आशूरा मनाने वालों के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाए हैं। दरअसल , तालिबान ने मुहर्रम को लेकर कुछ नियम बनाए है। यानी मुहर्रम पर शोक मनाने वाले लोग अब न तो अपनी छाती पीट सकते है और न ही खुद को मार सकते है। तालिबान ने ये भी कहा है कि, अगर किसी शख्स ने इस आदेश का पालन नहीं किया, तो उन्हें कड़ा दंड दिया जाएगा साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा।
तालिबान ने फाड़े झंडे
हेरात के जेब्रियल टाउनशिप के निवासियों ने बताया कि, पिछले पांच दिनों में तालिबान के लोगों ने रात में शोक मनाने वालों के झंडों को फाड़ दिया। इतना ही नहीं बल्कि शिया बाहुल जेब्रियल इलाके के पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। यहां रहने वाले अली रजा नाम के शख्स ने कहा कि, तालिबान ने रात में झंडे फाड़कर इस इलाके में अपने लड़को को तैनात कर दिया था। उन्होंने कहा कि, “सप्ताह भर से हम मुहर्रम की तैयारी कर रहे हैं, तंबू लगा रहे हैं लेकिन तालिबान ने हमारे धर्म के खिलाफ काम किया है।”
अफगानिस्तान में मुहर्रम के लिए बने नए नियम
- तालिबान के नए नियमों के मुताबिक मुहर्रम सिर्फ उन ही जगहों पर आयोजित होगा जो तय किए जाएंगे।
- झंडा फहराने के समारोह को मस्जिदों के अंदर तक सीमित रखा जाए। घरों और सार्वजनिक स्थानों से इन्हें हटाया जाएगा।
- शिया आबादी वाले इलाकों में ही मुहर्रम मनाया जाएगा।
- शिया आबादी वाले इलाकों में ही यह आयोजन किया जाएगा और मस्जिदों में जाने के बाद उसका दरवाजा बंद करना होगा और समारोह अंदर करना होगा।
- शोक समारोह के दौरान किसी अन्य ऑडियो को नहीं बजाया जा सकता।
बताया जा रहा है कि, तालिबानी शासन वाले अफगानिस्तान में इन नियमों को बनाने से पहले बकायदा एक बैठक बुलाई गई और शिया धर्म गुरुओं के हस्ताक्षर भी सहमति पत्र पर लिए गए। तालिबान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि, वह शरिया कानून के तहत कानून चलाते हैं। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति का मजाक बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो इन शर्तों को नहीं मानेंगे उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।