इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह रहे एक छात्र बुधवार को बम बनाते समय विस्फोट होने से बुरी तरह घायल हो गया। उसे गंभीर हालत में एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस अधिकारी राजेश कुमार यादव ने बताया कि छात्र इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एमए का है जिसका नाम प्रभात यादव है। बुधवार शाम वह बम बना रहा था, तभी अचानक विस्फोट होने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
अस्पताल से भाग निकला एक आरोपी
जानकारी के मुताबिक बुधवार की शाम को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के कमरा नंबर 68 में धमाका हुआ। साथ ही कमरे में मौजूद प्रभात यादव और प्रत्युष सिंह दोनों घायल हुए है,धमाका इतना भीषण था कि बम बना रहे प्रभात यादव के हांथ का पंजा पूरी तरह से उड़ गया। जबकि शरीर के दूसरे हिस्से में भी गंभीर रूप से जख्मी हुए है। हॉस्टल के अन्य कमरों में मौजूद छात्र जब मौके पर पहुंचे तो प्रभात यादव घायल अवस्था में खून से लथपथ पड़ा था। जबकि प्रत्यूष सिंह भी घायल हालत में पड़ा था। हॉस्टल के अन्य छात्रों ने किसी तरह से घायल छात्रों दोनों को अस्पताल ले गए जहां पर कर्नलगंज पुलिस भी पहुंच गई। इसी दौरान प्रत्यूष सिंह पुलिस के डर से अस्पताल से भाग निकला। हालांकि पुलिस द्वारा प्रत्यूष सिंह ही जांच की जारही है।
पुलिस ने ये बताया
इस मामले में सहायक पुलिस आयुक्त राजेश कुमार ने बताया कि यह घटना बुधवार शाम की है जब प्रभात यादव होस्टल में बम बना रहा था, तभी अचानक विस्फोट होने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उन्होंने बताया कि दोनों छात्रों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि इस घटना में एक छात्र को भी मामूली चोट आई है। पुलिस द्वारा इस पूरी घटना कि जांच होने के आधार पर प्रभात यादव के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कह रही है।
इससे पहले यूनिवर्सिटी में हुए थे झगड़े
आपको बता दे की इससे पहले भी दिसंबर में ये खबर आई थी कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों के बीच सोमवार देर रात आपसी झगड़ा हो गया। ये झगड़ा इतना बड़ा हो गया था कि दोनों तरफ से पथराव और बमबाजी होने लगी थी। सड़क पर लड़ाई होने से आस-पास के इलाके में हड़कंप मच गया था। हालांकि इस लड़ाई झगड़े के दौरान पुलिस ने 60 अज्ञात छात्रों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। इतना ही नहीं बल्कि हॉस्टल प्रशासन का कहना था कि वह आरोपियों के खिलाफ एक्शन लेंगे और दोषी पाए जाने वाले छात्रों को निष्कासित करेंगे ।
क्या यह किसी की साजिश है
हालांकि सवाल यह उठता है कि आखिर हॉस्टल में इस तरह के कार्य क्यों किये जा रहे है। क्या इस चीज का पिछली हुई घटना से किसी प्रकार का कोई लेना-देना तो नहीं है, या यह छात्र किसी और के लिए कार्य करते है। हालांकि अभी इस पूरी घटना पर अच्छे से जांच करने के बाद ही वजह सामने आएगी इस पर अभी साफ तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।