अमेरिका के ओहियो में सिडनी पॉवेल नाम की 23 वर्षीय महिला ने अपनी मां को लोहे के तवे से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया। 23 साल की महिला ने अपनी मां के सिर पर करीब 30 बार लोहे के तवे से वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई। सिडनी पॉवेल से यह बात सामने आई कि उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया था। वहीं सिडनी पॉवेल नहीं चाहती थी कि उसकी मां को पता चले।
ओहियो समित काउंटी कार्यालय के अनुसार एक्रोन के सिडनी पॉवेल की 50 साल की स्वास्थ्य कार्यकर्ता ब्रेंडा पॉवेल की हत्या के मामले में गंभीर हमलों और सबूतों के साथ खलासी का खुलासा हुआ था। ब्रेंडा पॉवेल एक्रोन चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बाल जीवन विशेषज्ञ के तौर पर काम करती थीं।
समिट काउंटी ऑफिस ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि सिडनी पॉवेल ने मार्च 2020 में ब्रेंडा पॉवेल के सिर पर लोहे के तवे से हमला किया था। फिर उसकी गर्दन पर लगभग 30 बार वार किया। एक्रोन बीकन जर्नल ने बताया कि माउंट यूनियन यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा पॉवेल को जूरी ने बुधवार (26 सितंबर) को दोषी करार दिया। दोषी करार दिए जाने के बाद पॉवेल समिट काउंटी कॉमन प्लीज़ कोर्ट रूम में रो पड़ीं।
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पॉवेल ने उस समय अपनी मां पर हमला किया था, जब वह अपने स्कूल के अधिकारियों से फोन पर बात कर रही थीं। इसके अलावा मीडिया ने बताया कि बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि सिडनी पॉवेल सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित थे और इसलिए उन्हें हत्या के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता था। पॉवेल का इलाज करने वाले डॉक्टर जेम्स रियरडन ने कहा कि सिडनी ने अपनी मां को मार डाला। हालांकि, वो अपनी मां को सबसे अच्छा दोस्त मानती थी। इस हत्या के बाद सिडनी पॉवेल को मानसिक आघात पहुंचा है। वहीं पॉवेल की सज़ा 28 सितंबर को तय होनी है।