United States में कल President Day के अवसर पर जब अमेरिका में ऐतिहासिक रूप से अपने राष्ट्रपतियों का सम्मान किया जाता है, तब 2025 में यह दिन कुछ अलग ही अंदाज़ में गुज़रा। देश के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड के बावजूद हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और ‘नो किंग्स ऑन प्रेसिडेंट्स डे’ के नारे गूंजने लगे। ये प्रदर्शन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी नीतियों के खिलाफ थे, जो देश में व्यापक स्तर पर विरोध झेल रहे हैं।
यह प्रदर्शन कई कारणों से भड़के, जिनमें सबसे प्रमुख ट्रंप प्रशासन की नई नीतियां और उनके विवादास्पद फैसले थे।
प्रदर्शन के पीछे की मुख्य वजहें
- फेडरल इमीग्रेशन नीतियों में बदलाव: एरिज़ोना स्टेटहाउस में प्रदर्शनकारियों ने एक नए बिल का विरोध किया, जो इमिग्रेशन पॉलिसी को और अधिक कठोर बना सकता था। इस बिल के तहत प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई की योजना थी, जिससे इमिग्रेशन और humanitarian groups में चिंता बढ़ गई।
2. डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का गठन: यह एक नया सरकारी विभाग है, जिसे एलन मस्क के नेतृत्व में स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य कम्यूनिटी पर्चेजिंग में कटौती करना है, लेकिन विरोधियों का कहना है कि इससे सोशल सेवाओ पर प्रभाव पड़ेगा।
3.नो किंग्स’ थीम: प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन को monarchy की ओर बढ़ता हुआ बताया और इसे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ करार दिया।
कहाँ-कहाँ हुए प्रदर्शन?
- न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन डी.सी. जैसे पूर्वी तट के शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और सरकार विरोधी नारे लगाए।
- एरिज़ोना स्टेटहाउस में कुछ प्रदर्शनकारियों ने बिल्डिंग में घुसने का भी प्रयास किया।
- फ्लोरिडा और कैलिफोर्निया में भी ‘नॉट माय प्रेसिडेंट्स डे’ थीम के तहत बड़े प्रदर्शन हुए।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व 50501 मूवमेंट ने किया, जो हाल के वर्षों में अमेरिका में एक प्रमुख विरोधी शक्ति बनकर उभरा है। यह समूह पहले भी 5 फरवरी को एक राष्ट्रीय विरोध प्रदर्शन कर चुका है, जिसमें ट्रंप प्रशासन के फैसलों के खिलाफ आवाज उठाई गई थी।
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क को ट्रंप प्रशासन द्वारा ‘डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ का प्रमुख नियुक्त किया गया है। उनका उद्देश्य सरकारी खर्च में कटौती करना है, लेकिन उनके विरोधियों का मानना है कि इससे सार्वजनिक कल्याण योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा पर प्रभाव पड़ेगा।
राष्ट्रपति दिवस, जो अमेरिका में आमतौर पर राष्ट्रपतियों के सम्मान में मनाया जाता है, इस साल व्यापक विरोध का गवाह बना। ‘नो किंग्स’ और ‘नॉट माय प्रेसिडेंट्स डे’ जैसे नारे अमेरिकी लोकतंत्र में बढ़ती असहमति और असंतोष को दर्शाते हैं। ट्रंप प्रशासन की नीतियों के खिलाफ जनता का यह गुस्सा आने वाले समय में और तीव्र हो सकता है, खासकर तब जब सरकार अपने फैसलों में जनता की भागीदारी और पारदर्शिता को नजरअंदाज करे।