अपना पहला सूर्य मिशन लॉन्च करके इसरो ने आज इतिहास रच दिया है। भारत की स्पेस एजेंसी इसरो का ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्य मिशन आदित्य-एल1 श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो चुका है। आज भारत ने अपने पहले सोलर मिशन की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ा कर आज सूर्य की ओर आदित्य L-1 ने उड़ान भर दी है। चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद अब दुनियाभर की नजरें एक बार फिर भारत पर लग गई हैं क्योंकि दुनिया मानती है कि भारत का सूर्योदय हो गया है। इसरो अब सूरज के करीब पहुंचकर एक बार फिर अंतरिक्ष विज्ञान में अपना तेज बिखेरेगा। आदित्य मिशन को 15 लाख किमी की दूरी पर धरती और सूरज के बीच L1 बिंदु पर पहुंचाना है। सूर्य के करीब हेलो ऑर्बिट में आदित्य को स्थापित करने में करीब 100 से 120 दिन का वक्त लगेगा।
हिंदुस्तान की अंतरिक्ष में दूसरी बड़ीछलांग
‘इससे पहले 23 अगस्त को भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर इतिहास रचा था। अब भारत एक बार फिर अंतरिक्ष की तरफ जा रहा है। सिर्फ पचास दिन के अंदर ही हिंदुस्तान ने अपनी दूसरी बड़ीछलांग अंतरिक्ष में लगा दी है। ISRO ने उस आदित्य-एल1 मिशन को लॉन्च कर दिखाया जिसका जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग के वक्त किया था।
श्रीहरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटेर से हुआ लॉन्च
श्रीहरिकोटा के जिस लॉन्च पैड से चंद्रयान-3 ने चांद पर कदम रखा था उसी लॉन्च पैड से इस सोलर मिशन का आगाज हुआ है। जैसे ही आदित्य-L1 अपने निर्धारित पॉइंट पर पहुंचेगा वो इसके ऑर्बिट को हेलो बोलेगा। ये वो जगह है जहां से आदित्य L1 इसरो को सूरज की पल-पल की खबर देगा।
120 दिन में करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा
आपको बता दे की आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग PSLV-XL रॉकेट से हुई है। चंद्रयान के मुकाबले मिशन आदित्य कहीं ज्यादा कठिन है। चंद्रयान 1 और 2 के अनुभव के बाद भारत के पास काफी डेटा और एक दशक से अधिक का अनुभव था। लेकिन आदित्य L1 एक ऐसी छलांग है जो ISRO ने इससे पहले कभी नहीं लगाई। इस यात्रा के दौरान आदित्य-L1 करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा। आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग PSLV-XL रॉकेट से हुई है।