होंगझोऊ एशियाई खेलों का आधिकारिक आगाज आज 23 सितंबर से होना है। भारत ने इस बार एशियाई खेलों में कुल 655 खिलाड़ियों का दल भेजा है, जो अब तक का सबसे बड़ा दल है। सैकड़ों भारतीय एथलीट अलग अलग खेलों में भारत के लिए गौरव की कहानियां लिखने के लिए प्रयास करेंगे, लेकिन कयी ऐसे खिलाड़ी भी है जो सिर्फ दूर से सारा खेल देखना पड़ेगा। कुछ खिलाड़ी चोटों के कारण एशियन गेम्स से बाहर है तो कुछ eligibility की technicalities के कारण इवेंट का पार्ट नहीं है। आइये जानते हैं उन खिलाडियों के बारे मे जो अगर इस इवेंट का हिस्सा होते तो भारत कयी और मेडल जीत सकता था।
विनेश फोगाट
विनेश फोगाट, जिन्होंने एशियाई खेलों के पिछले संस्करण में 50 KG फ्रीस्टाइल कुश्ती में स्वर्ण पदक जीता था, चीन में भी भारत की झोली में एक पदक जोड़ सकती थीं। वास्तव में, विनेश, जो हाल ही में पूर्व WFI बृज भूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध में सबसे आगे थी,उन्हें एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश मिला था। लेकिन प्रशिक्षण के दौरान उनके घुटने में लगी चोट के कारण उन्हें अगस्त में सर्जरी करानी पड़ी और उनके एशियाड के उतरने के सपने इस बार के लिए खत्म हो गए।
दीपा कर्माकर
2016 में ओलंपिक में भाग लेने वाली भारत की पहली महिला जिमनास्ट, इस बार इवेंट का हिस्सा नहीं है। केंद्र सरकार की पात्रता मानदंडों को पूरा करने में विफल रहने के कारण उन्हें अंतिम सूची से बाहर कर दिया गया है। हालांकि ट्रायल में उसने पहला स्थान हासिल किया, लेकिन मापदंड के मुताबिक पिछले 12 महीनों में 8वीं रैंक हासिल नहीं कर पाने के कारण वह बाहर रह गई। करमाकर चोटों और डोपिंग निलंबन के कारण 2019 से दूर थे।
रवि दहिया
टोक्यो में 57 KG वर्ग में ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि दहिया अपने पहले एशियाई खेलों के पदक की तलाश में हैं। लेकिन वे इस बार इवेंट का हिस्सा नही है क्यूंकि वह इस समय घुटने की चोट से उबर रहे हैं।
हिमा दास
भारतीय धावक हिमा दास, जिन्हें ‘धींग एक्सप्रेस’ भी कहा जाता है, 2018 एशियाई खेलों की शोस्टॉपर थीं क्योंकि उन्होंने 2 स्वर्ण और एक रजत जीता था। रिपोर्टों के अनुसार, उनकी चोटों का सिलसिला जारी है, उनकी हैमस्ट्रिंग का शिकार है। चोट के अलावा भी हिमा ने कोई भी योग्यता मानक पूरा नहीं किया था।
प्रदीप नरवाल
‘डुबकी किंग’ परदीप नरवाल पिछले एशियाई खेलों की कबड्डी टीम का हिस्सा थे, जिसने ईरान का खिताब जीतने का सपना तोड़ दिया था। उन्होंने PKL में तीन साल शानदार प्रदर्शन कर पटना पायरेटेड और UP योद्धा का नेतृत्व किया। हालाँकि, एक समय भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ रेडर रहे नरवाल को बाहर कर दिया गया है क्योंकि वह हाल के वर्षों में अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं।
किसी का खोया मौका दूसरों के लिए अवसर
इसके अलावा जो बड़े खिलाड़ी इस बार हमें नजर नहीं आयेंगे उनमे सबसे पहले नाम है साइना नेहवाल का, पूर्व विश्व नंबर. 1 खिलाड़ी ने चोट के कारण एशियाई खेल 2023 के ट्रायल से अपना नाम वापस ले लिया था। उम्रदराज़ स्टार मैरी कॉम का मानना है कि बॉक्सिंग रिंग में अभी भी उनके पास 2-3 साल बाकी हैं लेकिन वे इस बार इवेंट मे हिस्सा नहीं ले रही। भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल को पिछले ओलंपिक के बाद से महिला हॉकी टीम से बाहर कर दिया गया है। भारतीय एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा पहचाने जाने वाले चेहरों में से एक, दुती चंद कठिन समय से गुजर रही हैं क्योंकि उन पर चार साल का डोपिंग प्रतिबंध लगा है। तो वो कहते हैं ना कि कुछ लोगों के लिए खोया हुआ मौका कुछ अन्य लोगों के लिए अवसर होता है। तो आइए इंतजार करें और देखें कि 2023 एशियाई खेलों से भारत के लिए कौन से नए नायक सामने आते हैं।