Asian Games 2023 के बाद Asian Para Games 2023 में भी खिलाड़ी देश का नाम रौशन कर रहे हैं। Asian Para Games 2023 में भारत पदक तालिका में 6th स्थान पर है। चीन के हांगझोऊ में 22 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक Asian Para Games का आयोजन किया जा रहा है। भारत ने Asian Para Games के चौथे संस्करण में 191 पुरुष और 112 महिला मिलाकर कुल 202 Athletes भेजे हैं। इससे पहले 2018 के Asian Para Games में भारत ने सिर्फ़ 190 एथलीट्स भेजे थे।
Asian Para Games में भाला फेंक प्रतियोगिता में हरियाणा के Sumit Antil ने इतिहास रच दिया। Sumit Antil ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है।
Paralympic और World Champion Sumit Antil ने Asian Para Games 2023 में मेन्स जैवलीन F64 इवेंट में गोल्ड मेडल हासिल किया है। बीते बुधवार को Sumit ने मेडल जीतने के साथ ही games record भी तोड़ा।
Sumit Antil ने पहले अटेम्प्ट में 6.22 मीटर की दूरी तक भाला फेंका। पहले थ्रो के साथ ही उन्होंने जकार्ता में हुए Asian Para Games 2018 का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसके बाद Sumit ने दूसरे प्रयास में 70.48 मीटर की दूरी तक भाला फेंका। तीसरे प्रयास में Sumit ने 73.29 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और गोल्ड मेडल पक्का कर लिया।
Podium पर Sumit Antil के साथ ही एक दूसरे इंडियन को भी जगह मिली। Pushpendra Singh ने 62.06 मीटर के थ्रो के साथ ब्रॉन्ज़ अपने नाम किया।
Tokyo Paralympics में भी गोल्ड जीत चुके हैं
2024 paris paralympics के लिए पहले ही Sumit Anitl का चयन हो चुका है। उन्होंने Tokyo Paralympics में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था। उन्होंने F64 इवेंट में 68.55 मीटर की दूरी तक भाला फेंका था और world record बनाया था।
F64 category उन athletes के लिए है जिनके पैर कटे हुए हैं, और जो prosthetic leg के साथ standing position में कम्पीट करते हैं।
7 साल की उम्र में सिर से उठा पिता का साया
Sumit जब सिर्फ़ 7 साल के थे तब उनके सिर से पिता का साया उठ गया। उनके पिता Air Force में थे और एक बीमारी ने उनकी जान ले ली। Sumit की मां निर्मला ने अपने चारों बच्चों को पाल-पोस कर बड़ा किया। लेकिन Sumit की ज़िन्दगी में इम्तिहान अभी और भी थे।
17 साल की उम्र में गंवाया पैर
साल 2015 में Sumit बाइक से ट्यूशन से लौट रहे थे। सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने Sumit की बाइक को टक्कर मार दी। एक्सीडेंट के बाद Sumit काफ़ी दूर तक घसीटे गए। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया और डॉक्टर्स ने उनके बाएं पैर को घुटने से नीचे तक काटने का फैसला किया। तब Sumit की उम्र सिर्फ़ 17 साल की थी।
Sumit ने अपनी कमज़ोरी को ही ताकत बना लिया। वो अपनी मां से कहते, ‘जो सुख तुझे दो पैर वाला नहीं दे सकता, वो सुख तेरा एक पैर वाला बेटा देगा।’
Wrestler बनना चाहते थे Sumit Anitl
Olympics के मुताबिक Sumit Anitl को बचपन से ही स्पोर्ट्स में रूचि थी। उनका ख्वाब पहले javelin thrower बनने का नहीं था। लंदन 2012 Olympics में योगेश्वर दत्त ने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था और वही Sumit के आदर्श थे। Sumit उन्हीं की तरह पहलवान बनना चाहते थे। पैर गंवाने के बाद Sumit का Wrestler बनने का सपना अधूरा रह गया।