अयोध्या। कांग्रेस हाइकमान ने अयोध्या नहीं जाने का फैसला करके अपने ही लोगों को नाराज कर दिया है। दो धड़े हो गए हैं। कई जिलों में कह रहे हैं कि यह आयोजन भाजपा या संघ का नहीं है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा है… सभी को जाने का हक है। राजनीतिक कारणों को बीच में न लाएं। अगर कांग्रेस के नेता अयोध्या नहीं जाएंगे, तो आम लोगों का गुस्सा झेलने के लिए तैयार रहें। आचार्य प्रमोद कृष्णम कह रहे हैं कि मेरा तो दिल ही टूट गया। आखिर क्यों अयोध्या नहीं जाएंगे। बिना न्यौते के भी जाना चाहिए। गुजरात कांग्रेस के मुखिया अर्जुन मोडवाडिया कह रहे हैं कि ये देश की आस्था का विषय है। ऐसे फैसले ही भाजपा को मौका देते हैं कि वो लोगों तक अपना संदेश भेज देते हैं। हमारे नेताओं को उन दलों से भी सीखना चाहिए, जो भाजपा के विरोधी हैं, लेकिन फिर भी राम-मंदिर को लेकर उत्साह दिखा रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से कल अध्यक्ष खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने अयोध्या नहीं जाने की बात कही थी।
भजपा ने साधा निशाना
कांग्रेस के फैसले पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये लोग सनातन-विरोधी हैं। चुनाव के वक्त मंदिर-मंदिर भागते हैं। कई मौकों पर इनका सच सामने आ चुका है। इससे पहले जब साउथ के नेताओं ने गलत बयानी की थी, तब भी कांग्रेस नेता चुप थे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने कभी राम का अस्तित्व ही नहीं माना, तो वो अयोध्या जाकर क्या करेंगे। ये तो वो लोग हैं, जो मंदिर बनाने में अड़चन पैदा कर रहे थे। अयोध्या मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी विरोध झेलना पड़ रहा है। उन्होंने भी अयोध्या जाने से इंकार किया है।