इंदौर / जो भी पार्टी चुनाव हारती है वह खुद का दोष ना देखते हुए पारदर्शिता पर सवाल उठा देती है। पिछली बार कांग्रेस में कई सीटों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इस बार चुनाव आयोग में अनूठी तैयारी की है। करीब आधा दर्जन राज्यों से अधिकारी बुलाए जा रहे हैं जो इंदौर जिले की नौ विधानसभा में चुनावी मोर्चा संभालेंगे। स्थानीय टीम भी रहेगी,लेकिन पावर दूसरे राज्यों से आ रहे हैं अफसर के हाथ में ही होगा। जिन राज्यों से अधिकारी आ रहे हैं उनमें गुजरात पंजाब, उत्तर प्रदेश,ओडीशा और राजस्थान शामिल हैं। ज्यादातर अधिकारी आईएएस स्तर के बुलाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ खास इलाकों के लिए बड़े पुलिस अफसर भी बुलाए गए हैं। चुनाव आयोग की सख्ती इस बात पर इशारा करती है कि स्थानीय अफसरों पर भरोसा कम है।
सभी नौ विधानसभा में तैयारी
यहां की 9 विधानसभाओं में चुनावी जिम्मेदारी के लिए अलग-अलग राज्यों से अफसर तैनात किए जा रहे हैं। 30 अक्टूबर से ये अफसर ड्यूटी संभालेंगे। गुजरात, यूपी, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब और राजस्थान से आ रहे हैं। बड़े पुलिस अफसर भी तैनात किए जाएंगे। पिछले चुनाव में कई सीटों पर गड़बड़ी का आरोप लगने के बाद इस बार चुनाव आयोग ने ऐसे अफसरों के हाथ में मोर्चा सौंप दिया है, जो यहां किसी को जानते ही नहीं हैं… न ही कोई उन्हें जानता है।
इन विधानसभा में ये होंगे अफसर
चुनाव संभालने के लिए गुजरात कैडर के आईएएस आलोक कुमार पांडे को देपालपुर भेजा जा रहा है। महू के लिए यूपी के आईएएस राकेश कुमार मिश्रा आ रहे हैं। राऊ में हरियाणा के अफसर अमित खत्री संभालेंगे। सांवेर में ओडिशा से अश्विनी कुमार मिश्रा आ रहे हैं। दो और तीन नंबर विधानसभा में पंजाब के अरविंद पाल संधु चुनाव देखेंगे। राजस्थान के अफसर विजय पाल सिंह को चार और पांच नंबर विधानसभा की जिम्मेदारी दी जा रही है। राजस्थान से अफसर संदीप सिंह चौहान को एक नंबर विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है।