हर शहर की एक पहचान होती है, कहीं का खाना तो कहीं घूमना-फिरना। बेंगलुरू की बात करें तो दुनियभर में ये शहर अपने ‘ट्रैफ़िक जाम’ के लिए जाना जाता है। लोग मज़ाक बनाते हुए यह तक कहते हैं कि बेंगलुरू ट्रैफ़िक में लोग दोस्त बनाते हैं, दोनों को एक-दूसरे से प्यार होता है और दोनों साथ रहते हैं। ट्रैफ़िक जाम की वजह से शहर की सड़कें भी टूट-फूट जाती हैं। हाला कि उनकी मरम्मत पर किसी का ध्यान नहीं जाता। फिर क्या था एक टेकी ने मामला अपने हाथ में लेने का निर्णय लिया।
विकास नहीं तो टैक्स नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शहर के 32 साल के टेकी, आरिफ़ मुद्गल ने सड़क के गड्ढों को भरने की मुहीम छेड़ दी है। इस शख़्स ने ‘No Development No Tax’ नाम से कैंपेन शुरू किया है। इस कैंपेन के तहत प्रोपर्टी टैक्स न देने का निर्णय भी लिया गया है, इसकी वजह भी बेंगलुरु की सड़कें ही बताई जा रही हैं।
सड़क के गड्ढों को भरने में लगा हुआ है
आरिफ़ ने बताया कि उसने होसा रोड पर दो सड़क दुर्घटनाएं होते देखा है। ईस्ट बेंगलुरु में ये दुर्घटना देखने के बाद आरिफ़ ने सड़क के गड्ढों को भरने की कोशिश की है।आरिफ़ ने बताया, ‘ई-कॉमर्स फर्म के डेलिवरी एक्ज़ेकेटिव ने 14 अगस्त की रात को सड़क के गड्ढे से बचने की कोशिश की लेकिन वो ज़ख़्मी हो गए। वो सामने से एक कार से टकरा गया और उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया। बाद में पता चला कि वो 9 लोगों के परिवार में अकेला कमाने वाला है।’ दूसरी घटना का ज़िक्र करते हुए आरिफ़ ने कहा, ‘मेरे अपार्टमेंट के पास रहने वाली एक युवती को भी चोटें आई हैं। वो ऑटो से होसा रोड पर सफ़र कर रही थी लेकिन सड़क के गड्ढों की वजह से उसका ऑटो पलट गया।’
लोन लेकर सड़क की मरम्मत करवाई
पांच साल पहले आरिफ़ ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सिटिज़न्स ग्रुप, ईस्ट बेंगलुरु की शुरुआत की, गौरतलब है कि इस ग्रुप के पैसे खत्म हो गए लेकिन उन्होंने काम नहीं रोका। जब कहीं से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली तब चिकित्सकों ने 2.7 लाख रुपये का लोन लेने का निर्णय लिया।