ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना का एक संयुक्त अभियान था। यह 1971 के युद्ध के बाद पहली बार था जब तीनों सेनाओं ने इस प्रकार का अभियान चलाया। ऑपरेशन के तहत कुल 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें से 5 PoK में और 4 पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के तहत कई मिसाइलें और ड्रोन भारतीय सीमाओं की तरफ भेजे मगर हैरानी की बात ये रही कि एक भी हमला सफल नहीं हो सका।
भारत का low level air defence network, जो अब सिर्फ S-400 जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों पर निर्भर नहीं है। बल्कि भारत के पास अब ऐसे कई जबरदस्त Short range air defence system हैं, जो कम ऊंचाई पर आने वाले किसी भी खतरे को कुछ ही seconds में हवा में नष्ट कर सकते हैं।
- LLAD Guns – Low Level Air Defence Guns
इन्हें ‘आकाश की सीमा पर तैनात जवान’ कहा जा सकता है। ये वो शक्तिशाली तोपें हैं जिन्हें खासतौर पर दुश्मन के कम ऊंचाई पर उड़ते टारगेट्स (जैसे कि ड्रोन, हेलिकॉप्टर या लो-फ्लाइंग फाइटर जेट्स) को गिराने के लिए तैयार किया गया है। ये रडार सिस्टम की सहायता से आने वाले ऑब्जेक्ट को ट्रैक करते है और फिर पूरी सटीकता से टारगेट पर फायर किया जाता है।
राजस्थान और जम्मू सेक्टर में पाकिस्तानी ड्रोन हमले को इन गनों ने सेकंडों में हवा में उड़ा दिया। कई ड्रोन सीमा से 500 मीटर भी अंदर नहीं घुस सके।
- MANPADS – Man-Portable Air Defence Systems
ये भारत के वो साइलेंट वॉरियर्स में से एक हैं जो दुश्मन को कभी भी सरप्राइज़ दे सकते हैं। ये कंधे पर रखकर चलाए जाने वाले मिसाइल सिस्टम होते हैं…बिलकुल फिल्मी स्टाइल में, मगर असल ज़िंदगी में कहीं ज्यादा घातक। ये सिस्टम एक जवान द्वारा अकेले ऑपरेट किया जा सकता है। इंफ्रारेड या थर्मल सिग्नेचर के जरिए टारगेट को पकड़कर सेकंडों में उसे मार गिराने की क्षमता रखते हैं।
LAC के पास भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी सीमा से आए सशस्त्र ड्रोन को MANPADS से तबाह किया।
- SR-SAMs – Short Range Surface to Air Missiles
भारत अब केवल आकाश या ब्रह्मोस जैसे लॉन्ग-रेंज सिस्टम पर ही नहीं, बल्कि SR-SAMs पर भी भरोसा कर रहा है। कम दूरी पर आने वाले हवाई खतरों को नष्ट करने के लिए यह मिसाइलें तैनात की जाती हैं। इसमें रडार, फायर कंट्रोल और लांचिंग यूनिट शामिल होती है।
DRDO और फ्रांस के MBDA के साथ मिलकर भारत में SR-SAMs विकसित किए गए हैं,जैसे ‘VL-SRSAM’ (Vertical Launch Short Range SAM)। जब पाकिस्तान ने पंजाब सेक्टर में लो-फ्लाइंग क्रूज मिसाइलें भेजीं, तब SR-SAMs ने उन्हें सीमा में दाख़िल होने से पहले ही हवा में उड़ा दिया।
इससे क्या साबित हुआ? पाकिस्तान ने सोचा कि भारत केवल S-400 जैसी हाई-प्रोफाइल तकनीक पर निर्भर है, मगर उसे ज़मीनी हकीकत नहीं पता थी। भारत के ये शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम अब हर सीमा चौकी के पास एक्टिव हैं और सबसे बड़ी बात, ये तेज़, सटीक और बेहद सस्ते हैं। एक ड्रोन जिसकी कीमत 10 करोड़ रुपये है, उसे गिराने के लिए भारत सिर्फ़ कुछ लाख की मिसाइल या गोली खर्च कर रहा है।
ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में मिसाइल और ड्रोन हमले किए। भारतीय Air Defence system, खासतौर पर S-400, ने इन सभी हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया। इससे भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों की रणनीतिक क्षमता, सटीक योजना और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। यह ऑपरेशन न केवल आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में सफल रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश भी दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।