हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया है। इस हमले में 26 हिंदू tourists की जान गई, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इस बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग बातचीत की। रुबियो ने इस हमले की निंदा करते हुए भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की प्रतिबद्धता जताई और पाकिस्तान से जांच में सहयोग करने का आग्रह किया।
इस बातचीत के बाद एस जयशंकर ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री ने लिखा…”अमेरिका (मार्को रुबियो) के साथ पहलगाम आतंकवादी हमले के बारे में चर्चा हुई। इस हमले के दोषियों, समर्थकों और प्लानिंग करने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”
पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है और अमेरिका से भारत पर दबाव डालने की अपील की है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली है कि भारत अगले 24-36 घंटों में सैन्य हमला कर सकता है।
पाकिस्तान के नेता देश की जनता के सामने भारत को चुनौती दे रहे हैं। पाकिस्तान के नेता देश की संसद में बाबरी मस्जिद की बुनियाद की ईंट रखने की बात कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की सरकार भारत के हमले से डरकर यूनाइटेड नेशंस से गुहार लगा रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद ‘भारत को सलाह’ देने की अपील की है।
अमेरिका से पहले United Nations ने भी इस मामले को लेकर दोनों देशों से बात की थी। UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस शहबाज शरीफ और एस जयशंकर से अलग-अलग फोन पर बात की थी। जयशंकर ने बताया कि एंटोनियो ने भी इस हमले की निंदा की दोनों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी।
भारत के विदेश मंत्री ने तब भी इस हमले के अपराधियों, प्लान बनाने वालों और समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाने की बात की थी।
UN की ओर से जारी किए गए बयान में ये भी बताया गया कि महासचिव ने दोनों देशों के संभावित टकराव पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ऐसे टकराव के दुखद परिणाम हो सकते हैं। UN ने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के प्रयासों में सहयोग देने की पेशकश भी की।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव न केवल दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि वैश्विक शांति के लिए भी चिंता का विषय है। मध्यस्थता इस संकट को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, लेकिन इसके लिए दोनों देशों की राजनीतिक इच्छाशक्ति और संवाद की जरूरत है।