भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पिछले 6 साल में अबतक Google और YouTube पर राजनीतिक विज्ञापन के लिए 103 करोड़ रुपये से अधिक दिए जा चुके हैं। यह जानकारी गूगल एड्स ट्रांसपैरेंसी रिपोर्ट से मिली है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, BJP ने मई 2018 से अबतक Google और YouTube पर विज्ञापन देने में 103 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने Google और YouTube पर विज्ञापन खर्च में 100 करोड़ रुपये को पार करने वाली देश की पहली राजनीतिक पार्टी बन गई है।
कांग्रेस दूसरे स्थान पर
इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि, 5992 ऑनलाइन ऐड के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर है। पार्टी ने इन विज्ञापनों पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जो भाजपा के ऐड का सिर्फ 3.7% है। इसके विज्ञापन अभियान मुख्य रूप से कर्नाटक और तेलंगाना से 9.6 करोड़ रुपए और मध्य प्रदेश से 6.3 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2024 के पहले और दूसरे फेज के दौरान भाजपा से ज्यादा खर्च कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस ने 5.7 करोड़, जबकि भाजपा ने 5.3 करोड़ खर्च किए हैं। लोकसभा चुनाव के प्रचार के दूसरे चरण के दौरान, लगभग सभी राजनीतिक दलों ने Google पर अपने घोषणापत्र, नीतियों और उपलब्धियों को प्रचारित करने पर लगभग ₹15 करोड़ खर्च किए हैं।
तीसरे नंबर पर DMK पार्टी
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी DMK मई 2018 से अबतक 42 करोड़ रुपये खर्च के साथ, Google प्लेटफ़ॉर्म पर तीसरे नंबर पर है। तमिलनाडु से DMK ने कर्नाटक और केरल में डिजिटल विज्ञापनों के लिए 14 लाख रुपये और 13 लाख रुपये खर्च किए। इस बीच, Google पर BRS का विज्ञापन नवंबर 2023 के विधानसभा चुनावों पर 12 करोड़ रुपये से अधिक था, हालांकि असफल रहा, क्योंकि कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इस रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने अलग-अलग पार्टियों के लिए 11.2 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए हैं।
विज्ञापनों पार्टियों की आउटसोर्सिंग
गूगल और मेटा के चुनाव ट्रांसपेमेरेंसी डेटा से यह भी पता चलता है कि, राजनीति में आउटसोर्सिंग भारत में तेजी से फैल रहा है। राजनीतिक दलों ने अपने ऑलनाइन विज्ञापनों के लिए प्रोफेशनल एजेंसियों को प्रमुखता दी है। आंकड़ों से पता चलता है कि, DMK ऑनलाइन विज्ञापन प्लेसमेंट के लिए पूरी तरह से पॉपुलस एम्पावरमेंट नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड पर निर्भर थी, जबकि TMC और YSR कांग्रेस जैसी पार्टियों ने प्रशांत किशोर द्वारा बनाई गई कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) को हायर किया था।