चुनाव से पहले इंदौर से भोपाल के बीच आनन-फानन में शुरू की गई वंदे भारत ट्रेन को लेकर वंदे भारत ट्रेन के जनक सुधांशु मणि ने बड़ी बात बोली है। उन्होंने साफ कहा कि इंदौर-भोपाल रूट पर वंदे भारत को राजनीतिक कारणों से चलाया गया, इसलिए यह फेल होगी, यह पहले से पता था। यह बात सुधांशु मणि ने शुक्रवार को इंदौर में कही हैं।
उन्होंने कहा कि, कोई ट्रेन किस रूट पर चलाई जाना है, यह तय करने से पहले सर्वे होते हैं। इंदौर-भोपाल वंदे भारत के मामले में यह नहीं हुआ। यही वजह है कि इस ट्रेन में अधिकांश सीटें खाली रहती हैं। वह कन्फडेरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज (CII) के मेहमान बनकर शुक्रवार को इंदौर पहुंचे थे। सीआइआइ लीडरशिप कान्क्लेव में उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए वंदे भारत के शुरू होने का सफर साझा किया।
सुविधाजनक बसों का सफर उपलब्ध
सुधांशु मणि ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, इंदौर-भोपाल के बीच कम किराए में सुविधाजनक बसों का सफर उपलब्ध है तो फिर कोई महंगे किराए में वंदे भारत में क्यों बैठेगा? अब अगर सरकार टिकट के दाम कम करती है तो यह एक और गलती होगी।
नागपुर तक बढ़ाना पड़ा वंदे भारत
उल्लेखनीय है कि लगातार खाली चलने के बाद इंदौर-भोपाल वंदे भारत को नागपुर तक बढ़ाना पड़ा। अब इसका किराया कम करने की चर्चा शुरू हो चुकी है। धीरे-धीरे राजधानी ट्रेनें बंद होंगी और उनकी जगह स्लीपर श्रेणी की वंदे भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी।
अगले पांच साल में 500 वंदे भारत चलेंगी
सुधांशु ने यह भी बताया कि देश में अगले पांच साल में 500 वंदे भारत चलाने की तैयारी है। देश के अलग अलग हिस्सों में इन्हें प्लान किया गया है। यह तकनीक में उन्नत है और कई आधुनिक सुविधाओं से लैस है। उन्होंने कहा कि इसे उन्हीं रूट पर चलाया जाना चाहिए जहां पर इसे यात्री मिल सकें।
स्लीपर वर्जन जल्द आएगा
सुधांशु ने यह भी जानकारी दी कि देश की सभी राजधानी ट्रेनें बंद की जाएंगी। यह धीरे धीरे होगा और हर राजधानी की जगह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलेंगी। इसके साथ रेलवे स्टेशनों को बेहतर करने का काम भी तेजी से किया जाएगा।