साल 1971 के नवंबर और दिसंबर का महीना भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के इतिहास में काफी अहमयित रखता है। ये युद्ध का दौर था। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र आते ही हमारे जेहन में अक्सर पाक सैनिकों की कब्रगाह बनाते भारतीय जांबाजों की तस्वीरें उभर कर सामने आती हैं। उस युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ नामक एक साहसिक ऑपरेशन चलाया था । इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य कराची बंदरगाह पर हमला करना था, जो पाकिस्तान की नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण आधार था। इस हमले में भारत ने पहली बार जहाजों से दागे जाने वाले मिसाइलों का इस्तेमाल किया था।
ऑपरेशन ट्राइडेंट के तीन दिन बाद भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन पायथन को अंजाम दिया। यह कराची बंदरगाह पर दूसरा हमला था। इन दोनों अभियानों ने भारतीय नौसेना की शक्ति और रणनीतिक कुशलता को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई।
ये दोनों ऑपरेशन इतने सफल रहे थे कि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के जहाजों और तेल टैंकों को भारी नुकसान पहुंचाया। इस हमले के कारण कराची बंदरगाह कई दिनों तक जलता रहा। इस विजय ने युद्ध में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3 दिसंबर को जंग शुरू हुई और 16 दिसंबर 1971 को भारत ने 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करा कर विश्व इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। इसी युद्ध के बाद पश्चिमी पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर एक नए राष्ट्र बांग्लादेश के रूप में आस्तित्व में आया।
युद्ध की इस अद्वितीय सफलता को यादगार बनाने और भारतीय नौसेना के बलिदान व योगदान का सम्मान करने के लिए हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
इस दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें नौसेना के जहाजों और उपकरणों की प्रदर्शनी, समुद्री अभ्यास और सम्मान समारोह शामिल होते हैं। गेटवे ऑफ इंडिया पर विशेष कार्यक्रम और झांकियां आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा, देश के नागरिकों को भारतीय नौसेना के पराक्रम की झलक दिखाने के लिए विशेष डॉक्यूमेंट्री और वीडियो जारी किए जाते हैं।
वैसे भारतीय नौसेना का इतिहास लगभग 400 वर्षों से अधिक पुराना है। इसकी शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज के समय मानी जाती है, जब उन्होंने मराठा नौसेना की स्थापना की थी।
आधुनिक भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी। स्वतंत्रता के बाद, 26 जनवरी 1950 को भारतीय नौसेना को आधिकारिक तौर पर रिपब्लिक इंडिया की नेवी के रूप में मान्यता दी गई। आज भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे बड़ी और सशक्त नौसेनाओं में से एक है। इसके पास आधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बियां, और लड़ाकू विमान हैं।
भारतीय नौसेना, समुद्री सीमा की सुरक्षा के अलावा, कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी करती है। ये भारत के 7,516 किलोमीटर लंबे समुद्री तट पर कड़ा पहरा देती है। जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों और समुद्री मार्गों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना भी शामिल है। सुनामी, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों में नौसेना का योगदान अहम होता है। अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए ये कई संयुक्त सैन्य अभ्यासों में भाग लेती है।
नौसेना दिवस केवल भारतीय नौसेना के शौर्य और पराक्रम का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हर भारतीय को अपनी सशक्त समुद्री सेना पर गर्व महसूस कराने का दिन है।