मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में LKG और UKG की पढ़ाई संस्कृत में होगी। इसके लिए शासकीय सरोजिनी नायडू विध्यालय में संस्कृत-प्री स्कूल की स्थापना की गई। जिसमें संस्कृत और भारतीय संस्कृति के बारे में बच्चों को बताया जाएगा और ऐसा करने वाला यह मध्यप्रदेश का पहला स्कूल होगा।
भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में शुरू हो रहे इस स्कूल में LKG को अरुण और UKG को उदय नाम दिया गया है। ये फैसला संस्कृत भाषा के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान और नई शिक्षा नीति के तहत हुआ है। इस अरुण और उदय कक्षाओं के बच्चों को केवल लंच बाक्स और पानी की बोतल ही स्कूल लानी होगी।
प्रदेश का पहला संस्कृत-प्री अगले महीने से यानि मार्च 2024 से शुरू हो जाएगा। इस स्कूल में तीन से छह वर्ष तक की उम्र के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। यह प्री स्कूल सिर्फ कामकाजी अभिभावकों के लिए होगा, जहां वे सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक अपने बच्चों को छोड़ सकेंगे। यहां बच्चे LKG और UKG में दो साल पढ़ेंगे। इस साल 30 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा और फिर अगले साल 30 बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। फिर बच्चे स्कूल से बाहर हो जाएंगे।
महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान का यह पायलट प्रोजेक्ट है। इसके बाद प्रदेश के सभी 53 जिलों में ऐसे और स्कूल बनाए जाएंगे। संस्थान द्वारा मध्य प्रदेश राज्य ओपन स्कूल (MPSOS) के सहयोग से स्थापित यह स्कूल बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था एक्सट्रा चाइल्डहुड ने डिजाइन किया है।
इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस, खेल मैदान, डिजिटल लायब्रेरी, कंप्यूटर लैब, साइंस व लैंग्वेज लैब, शौचालय, विशेष योग्यता वाले शिक्षक होंगे। प्ले स्कूल के बच्चों को संस्कृत पढ़ाने के लिए करीब 100 शिक्षकों को चयनित किया गया है।