हमारे देश में ऐसे कई मंदिर/मठ और ट्रस्ट है जो बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहे है। जिसके चलते हाल ही में बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि, उनके जिलों में संचालित अपंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन करवाए और उनकी अचल संपत्तियों का विवरण राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को उपलब्ध कराया जाए। कानून मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि, मैंने हाल ही में इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि, राज्य में रजिस्टर्ड मंदिरों और मठों की भूमि सहित अचल संपत्तियों की बिक्री और खरीद न हो।
बिहार में अब तक 18 जिलों ने ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को रजिस्ट्रेशन और संपत्ति का डेटा भेजा है। बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के अनुसार बिहार में मंदिर, मठों, ट्रस्ट को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अंतर्गत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। बिहार सरकार का उद्देश्य यह है कि, रजिस्टर्ड मंदिरों, मठों एवं ट्रस्ट कि संपत्तियों की जानकारी सार्वजनिक रहे ताकि गलत तरीके से इसको खरीद बिक्री करने वालों पर कार्रवाई की जा सके। वहीं BSBRT के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 2,512 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं, जिनके पास 4,321.64 एकड़ जमीन है। राज्य में लगभग 2,499 रजिस्टर्ड मंदिर हैं, जिनके पास सामूहिक रूप से 18,456 एकड़ से अधिक जमीन है।
BSBRT द्वारा संकलित 35 जिलों से मिली नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में करीब 2,512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं और उनके पास 4321.64 एकड़ भूमि है। आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा अपंजीकृत मंदिर/मठ वैशाली 438, कैमूर 307, पश्चिमी चंपारण 273, भागलपुर 191, बेगूसराय 185, सारण 154, गया 152 आदि में हैं। कैमूर में 307 अपंजीकृत मंदिरों/मठों के पास करीब 813 एकड़ जमीन है और खगड़िया जिले में 100 अपंजीकृत मंदिरों और मठों के पास 722 एकड़ जमीन है। बांका जिले में करीब 332 एकड़ जमीन 78 अपंजीकृत मंदिरों और मठों के पास है।
राज्य सरकार रजिस्टर्ड मंदिरों, मठों या ट्रस्टों की अवैध संपत्ति के लेन-देन में शामिल लोगों के साथ-साथ BSBRT के साथ रजिस्टर्ड न कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। इन मुद्दों को सुलझाने के लिए बिहार सरकार कानून, राजस्व और भूमि सुधार विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक भी आयोजित की जाएगी। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि, रजिस्टर्ड और अपंजीकृत दोनों तरह के मंदिरों की भूमि सहित संपत्ति को बचाने के लिए रजिस्टर्ड करना महत्वपूर्ण है।