बिहार सरकार के खिलाफ करीब 10 हजार आंगनबाड़ी की सेविकाएं 29 सितंबर से हड़ताल पर हैं। इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ने मंगलवार यानि की आज अपनी पाँच सूत्री मांगों को लेकर बिहार के विधानसभा के सामने घेराव किया। जिसके बाद पटना पुलिस की बदसलूकी देखने को मिली ,पुलिस ने कार्यकर्ताओ को हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। जिसके बाद कई आंगनबाड़ी सेविकाओं को गंभीर चोटें भी लगी है। कई कार्यकर्ताए बेहोश हो गई। जिसके बाद खुद पुलिस उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गई है।
पांच सूत्री मांग को लेकर किया घेराव
आंगनबाडी़ सेविकाकांए पांच सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। इनकी मांग है की उनको सरकारी कर्मी का दर्जा, मानदेय की जगह वेतन, रिटायरमेंट पेंशन और ऑन-ड्यूटी काम करते हुए अगर कोई सेविका मरती है तो उसके बदले उनके परिवार के किसी भी सदस्य को नौकरी दी जाए। यह कोई पहली बार नहीं है जो यह लोग इस बात को लेकर प्रदर्शन कर रही हो बल्कि पिछले हफ्ते भी करीब दो हजार सेविकाओं ने पटना के डाक बंगला चौराहे पर प्रदर्शन किया था।
प्रदर्शन के दौरान एक महिला कार्यकर्ता बेहोश
अपनी मांगों को लेकर बिहार विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के दौरान वह प्रदर्शन कर रही एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बेहोश हो गईं। इसके बाद उन्हें ई-रिक्शे में लिटाकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।
सांसद मनोज झा का बयान आया
सरकार के खिलाफ आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन पर राजद सांसद मनोज झा का कहना है, ”लोकतंत्र में हर किसी को सरकार के सामने अपनी मांग रखने का अधिकार है इन सभी कार्यकर्ताओ की मांगों पर और सरकार को ध्यान देना चाहिए।