कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में मार्क कार्नी ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण की। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो का स्थान लिया, जिनका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संबंध तनावपूर्ण रहे थे। कार्नी ने पद संभालते ही स्पष्ट किया कि वे ट्रंप के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं और दोनों देशों के लिए लाभकारी समाधान खोजने का प्रयास करेंगे।
कार्नी ने अपने मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं, विशेष रूप से वॉशिंगटन के साथ संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए। उन्होंने डोमिनिक लेब्लांक को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री नियुक्त किया है, जबकि मेलानी जोली को विदेश मंत्री पद पर बरकरार रखा है। इसके अलावा, कार्नी ने ट्रूडो के उपभोक्ता कार्बन टैक्स को समाप्त करने का आदेश दिया है ताकि जीवन यापन की लागत से संबंधित चिंताओं पर बात की जा सके।
कार्नी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार युद्ध और ट्रंप की कनाडा को अमेरिका में मिलाने की धमकियों का सामना करना है। ट्रंप ने कनाडा के minerals खासकर एल्युमीनियम पर 25% टैक्स लगाया है, जिससे कनाडाई अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कार्नी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कनाडा कभी भी, किसी भी रूप में, संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा नहीं बनेगा।
भविष्य में, कार्नी जल्द ही एक चुनाव की घोषणा कर सकते हैं, क्योंकि वर्तमान में लिबरल पार्टी के पास बहुमत नहीं है। सर्वे के अनुसार, लिबरल और कंजरवेटिव पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर है, जिससे आगामी चुनाव में किसी भी पार्टी के लिए स्पष्ट बहुमत प्राप्त करना कठिन हो सकता है। इन चुनौतियों के बीच, कार्नी का अनुभव और नेतृत्व कनाडा के लिए महत्वपूर्ण होगा। उनका उद्देश्य अमेरिकी व्यापार नीतियों के प्रभाव को कम करना, कनाडा की एकता की रक्षा करना और देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखना है। आने वाले समय में, कार्नी की नीतियां और निर्णय कनाडा के भविष्य को आकार देंगे।