बंगलुरू। चंद्रयान-3 को कामयाब करने वाली टीम ने सिर्फ मेहनत ही नहीं की है… आराम और कई खुशियों को भी खोया है। इस टीम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वैज्ञानिक पी. वीरामुत्थुवेल को बहन की शादी छोडऩा पड़ी। वो नाराज भी हुई, लेकिन जब देश को झूमते देखा, तो भाई को सैल्यूट करके रोने लगी।बीस अगस्त को वीरामुत्थुवेल के घर में शादी का जश्न चल रहा था। घरवालों को साफ कह दिया था कि न तो आ सकूंगा और न बार-बार फोन लगाना।
पिता ने बताई कहानी
पिता पी. पल्लानीवेलु ने कहा कि बेटे की कमी तो खली, लेकिन हम अपनी खुशी के लिए देश की जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते थे। जिस समय उसे शादी में आना था, उस समय चंद्रयान लांचिंग का अहम दौर चल रहा था। स्कूल के समय से ही उसकी यही आदत रही है। पढ़ाई और काम को सबसे ज्यादा तव”ाो दी है। मैं खुद रेलवे कर्मचारी रहा हूं। नौकरी के चलते कई अहम मौकों पर परिवार के साथ नहीं था। बेटे की मजबूरी भी समझता हूं। जब उसने बहन से फोन पर बात की, तो बोली कि शादी के एलबम में सिवा आपके सब लोगों की फोटो हैं। कुछ ब्लॉग मैंने खाली छोड़ दिए हैं। भाई ने जवाब दिया कि जब तुझसे मिलूंगा, तो उन खाली जगहों पर चंद्रयान के फोटो लगवा दूंगा… तेरी शादी का एलबम यादगार हो जाएगा।
स्कूल के दिन
पिता ने स्कूल के दिनों को याद किया। बताया कि पढ़ाई में ठीक-ठाक था, लेकिन जब कॉलेज और प्रोफेशनल कोर्स में पहुंचा, तो उसकी लगन और मेहनत से सबको हैरान कर दिया। विल्लुपुरम के रेलवे स्कूल में पढ़ाई की है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के दौरान उसने यारी-दोस्ती, रिश्तेदारी से दूरी बना ली थी। उसे सिर्फ डिग्री पूरी नहीं करनी थी… कुछ खास कर दिखाना था। इसरो में नौकरी लगने से पहले कई बड़ी कंपनियों के ऑफर आने लगे थे। इसरो में काम के दौरान भी ऐसे कई ऑफर आए, लेकिन उसने इसरो में ही मेहनत जारी रखी।