By using this site, you agree to the Privacy Policy
Accept
May 16, 2025
The Fourth
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Reading: छत्रपति संभाजी महाराज: शौर्य और बलिदान की गाथा
Font ResizerAa
The FourthThe Fourth
Search
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Follow US
article photos 6 - The Fourth
Fourth Special

छत्रपति संभाजी महाराज: शौर्य और बलिदान की गाथा

उनके जीवन में शुरु से अंत तक संघर्ष ही थे।

Last updated: मार्च 11, 2025 12:10 अपराह्न
By Mihir Dhekane 2 महीना पहले
Share
5 Min Read
SHARE

Bollywood अभिनेता विक्की कौशल हाल ही में सुपरहिट फिल्म “Chhaava” में दिखाई दिए जहां उन्होंने वीर छत्रपति संभाजी महाराज का किरदार को पर्दे पर साकार किया था। फिल्म तो हिट हुई ही, उन्हें भी अपने किरदार के लिए बहुत प्रशंसा मिली। आज उन्हीं छत्रपति संभाजी की पुण्यतिथि हैं। हालांकि फिल्म में उनके चरित्र को बड़े अच्छे से बताया गया, मगर फिर भी कही कुछ बातें छूट गई। आइए एक नज़र डालते हैं उनके पूरे जीवन पर।

जन्म और शुरुआती जीवन

छत्रपति संभाजी महाराज अथवा शंभुराजे का जन्म 14 मई 1657 को वर्तमान महाराष्ट्र के पुरंदर किले में हुआ था। उनके जीवन में शुरु से अंत तक संघर्ष ही थे। फिर चाहे वो उनका व्यक्तिगत जीवन हो या एक राजा के रूप में। पिता कोई और नहीं स्वयं छत्रपति शिवाजी महाराज थे और माँ महारानी सईबाई थी। जब वे सिर्फ़ 2 साल के थे तभी उनकी माँ की मौत हो गई जिसके बाद उनका पालन पोषण उनकी दादी राजमाता जीजाबाई ने किया। इसके अलावा उनकी सौतेली माँ पुतलाबाई ने भी उन्हें स्नेह दिया। जीजाबाई ने शिवाजी की तरह संभाजी में भी राष्ट्र और धर्म के लिए प्रेम, हिंदवी स्वराज्य और आदर्श जीवन मूल्यों को स्थापित किया।

साहित्यिक उपलब्धियां

शंभुराजे बचपन से बहुत प्रतिभाशाली थे। वे एक वीर योद्धा और अपने शौर्य के लिए तो मशहूर थे ही, लेकिन अच्छे लेखक भी थे। मराठी के अलावा भी 12-13 अन्य भाषाओं के जानकार थे। अपने उम्र के केवल 14वें साल में उन्होंने बुधभूषण, नायिकाभेद तथा सातशातक यह तीन संस्कृत ग्रन्थ लिखे थे, जो उनकी बुद्धिमत्ता का परिचय देती हैं।

अल्पायु में वीरता का परिचय

बहुत ही कम उम्र में उन्होंने सभी को अपनी वीरता का परिचय कराया। सिर्फ़ 16 साल की उम्र में रामनगर में अपना पहला युद्ध लड़ा और जीता। इसके अलावा 1675-76 के दौरान उन्होंने गोवा और कर्नाटक में सफल अभियानों की कमान भी संभाली।

सिंहासन पर आसीन

अपने पिता के बड़े बेटे और एक योग्य व्यक्ति होने के कारण वे ही राजा बने, हालांकि उनके लिए सिंहासन तक का रास्ता इतना भी आसान नहीं रहा। पिता की मौत के बाद दरबार के प्रभाव रखने वाले मंत्री जैसे अन्नाजी दत्तो और महारानी सोयराबाई उन्हें गद्दी पर बैठने नहीं देना चाहते थे। वे चाहते थे कि सोयराबाई का बेटा राजाराम दूसरा छत्रपति बने। इन सभी मुश्किलों को पार करते हुए सरसेनापति हम्बीरराव मोहिते की सहायता से वे छत्रपति के रुप में सिंहासन पर आसीन हुए।

सैन्य उपलब्धियां

छत्रपति बनने के बाद, लगातार आठ सालों तक मुगलों से ज़ोरदार संघर्ष किया और कई अभियानों में सफलता हासिल की, जिसमें बुरहानपुर की लूट, रामसेज की घेराबंदी और मैसूर के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई प्रमुख हैं। मैसूर के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई में उनके ज़हरीले तीरों से बचने के लिए उन्होंने एक तरकीब निकाली। चमड़े के जैकेट बनाए जिनपर तेल की धार छोड़ी गई जिनके कारण मराठा सैनिकों पर तीरों का कोई असर नहीं हुआ। कहा जाता हैं कि उन्होंने अपने जीवन में 120 या 210 लड़ाईयां लड़ी और एक बार भी नहीं हारे।

भीषण अत्याचार और बलिदान

वाई की लड़ाई में हंबीरराव वीरगति को प्राप्त हुए, जिसके बाद कही न कही थोड़े से कमज़ोर पड़ गए। बाद में उनकी पत्नी येसुबाई के भाई गणोजी ने जागीर के लालच में उनका पता मुगलों को बता दिया, जिसके बाद संगमेश्वर में उन्हें और उनके मित्र कवि कलश को धोखे से पकड़ लिया गया। छत्रपति होने के बाद भी 40 दिनों तक उनपर भीषण अत्याचार किए गए। उनकी आंखे निकाल ली गई, जीभ काट ली गई, ज़िंदा छोड़ने के बदले में इस्लाम कबूल करने के लिए भी कहा गया। लेकिन वीर शिवाजी का ये बेटा भला दुश्मनों के सामने कहां झुकने वाला था। आखिरकार इन अत्याचारों के बाद 11 मार्च 1689 को संभाजी वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी इस मौत ने सभी मराठा योद्धाओं को एकजुट ला दिया और मुगलों के खिलाफ संघर्ष बड़ी बहादुरी से जारी रहा। उनके छोटे भाई छत्रपति राजाराम और उनकी पत्नी महारानी ताराबाई ने बहुत ही वीरतापूर्वक दुश्मनों का सामना किया। आगे चलकर उनके बेटे छत्रपति शाहू महाराज और पेशवा बाजीराव के नेतृत्व में ये स्वराज्य मराठा साम्राज्य के रुप में फला-फूला। ऐसे महापुरुष को हमारा शत शत नमन।

You Might Also Like

भारत के Short Range Air Defence System …पाकिस्तान को हराने में अहम योद्धा!

IPL में विदेशी खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी से पलट सकता है Playoffs का गणित

क्या तालिबान भारत से नज़दीकियाँ बढ़ा रहा है? भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच एक नई विदेश नीति की दिशा

बलूच महिलाओं का दमन और विद्रोह!

भारतीय वायुसेना की बड़ी सफलता, Defence System को जाम कर कुछ Minutes में पूरा किया Operation

TAGGED: bollywood, chhaava, film, Hinduism, maratha empire, sambhaji maharaj, Swaraj, thefourth, thefourthindia, vicky kaushal
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

Follow US

Find US on Social Medias

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading

Popular News

WhatsApp Image 2025 02 01 at 4.23.57 PM - The Fourth
Fourth Special

वही दिन, वही दास्तां : जर्नलिस्ट डैनियल पर्ल की हत्या…नहीं बदली स्थिति, पत्रकार आज भी कहीं सुरक्षित नहीं!

3 महीना पहले

IIM Mumbai की IIM Ahmedabad, kolkata, Bangalore से कम फीस होगी

इंदौर, उज्जैन समेत भोपाल में भी मसालों की हो रही है जांच

बहुत दूर कितना दूर होता है?

राहुल गांधी ने स्वर्ण मंदिर में टेका मत्था, बर्तन मांजकर की ‘सेवा’

You Might Also Like

imf logo - The Fourth
World

आतंक के दलाल को फिर Bailout, क्या IMF पर विश्वास करना चाहिए?

2 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 14 at 2.16.56 PM - The Fourth
World

तुर्की ने भारत से किया विश्वासघात…मित्र विश्वासघात करे तो ‘महाभारत’ से सीख लेनी चाहिए

2 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 13 at 5.19.24 PM - The Fourth
India

पोलाची बलात्कार मामले में पीड़िताओं को मिला न्याय, सभी 9 आरोपियों को उम्रकैद

3 दिन पहले
WhatsApp Image 2025 05 12 at 11.04.50 AM - The Fourth
Religion

बुद्ध पूर्णिमा : शांति और करुणा का पर्व

5 दिन पहले
The Fourth
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Lifestyle
  • Science
  • Sports

Subscribe to our newsletter

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading
© The Fourth 2024. All Rights Reserved. By PixelDot Studios
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?