लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी सरकार बनने पर हर महीने पैसे दिए जाने का वायदा अब कोर्ट तक जाएगा। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में कांग्रेस पार्टी के 99 सांसदों को अयोग्य घोषित करने और पार्टी का चुनाव चिन्ह जब्त करने के साथ पार्टी का पंजीकरण निलंबित करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वोट के बदले 8500 रुपये देने का वादा किया था। जो की नियमों के खिलाफ है।
सामाजिक कार्यकर्ता भारती सिंह ने अपने अधिवक्ता ओ पी सिंह और शाश्वत आनंद ने जनहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की है। जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई होने की उम्मीद है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि, वह पहले इसके लिए चुनाव आयोग में अर्जी दी थी, लेकिन वहां से कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद यह जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में दावा किया है कि, कांग्रेस पार्टी का यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 121(1)(A) का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि, यह भारतीय न्याय संहिता और भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है। याचिका में कहा गया है कि, इसको लेकर चुनाव आयोग ने 2 मई 2024 को एडवाइजरी भी जारी की थी। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि, कांग्रेस पार्टी के गारंटी कार्ड वाले वायदा पत्र पर पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैं। इसके साथ ही उसमें रसीद भी थी। लोगों ने उनके रसीद को देखकर इस उम्मीद के साथ वोट दिया कि उनको पैसे मिलेंगे, लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया।
यह जनता के साथ विश्वासघात है। चुनाव के दौरान पार्टी नेता राहुल गांधी ने अपने घोषणापत्र का जिक्र करते हुए दावा किया था कि, इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही महिलाओं के खाते में खटाखट-खटाखट एक-एक लाख रुपये आ जाएंगे।