पहले यूपी के संभल, वाराणसी और अब अलीगढ़, इन सभी जगहों के मुस्लिम इलाकों में एक-एक कर हिंदू मंदिर मिल रहे हैं। यह सभी मंदिर उन इलाकों के हैं, जहां पहले कभी हिंदू परिवार रहा करते थे। मगर कभी दंगों या अन्य किसी वजहों से यह परिवार पलायन करते गए और ये इलाके फिर मुस्लिम बाहुल्य हो गए, जिसके बाद यह सभी मंदिर भी बंद हो गए।
संभल में मिला था पहला मंदिर
संभल में पहला मंदिर 14 दिसंबर को मिला था और वह शिव मंदिर था। जिसे कार्तिकेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता था। यह मंदिर जामा मस्जिद से डेढ़ किलोमीटर खग्गूसराय में मिला था। संभल में 46 साल बाद खुले इस मंदिर में पहले महादेव की प्रतिमा मिली थी। उसके बाद वहीं मंदिर परिसर के अंदर बने एक कुएं की खुदाई के दौरान तीन और खंडित प्रतिमा मिली थी, जिसमें भगवान गणेश, कार्तिकेय और माता पार्वती की प्रतिमाएं शामिल थी।
संभल में राधा-कृष्ण का भी मिला मंदिर
उसके बाद संभल के हयात नगर के सरायतरीन में दूसरे दिन एक और मंदिर मिला है, जो राधा-कृष्ण जी का है। पुलिस ने मंदिर की चाबी मंगवाकर ताला खुलवाया तो मंदिर में 20 फीट के हनुमान जी की और 4 फीट ऊंची राधा कृष्ण की मूर्तियां स्थापित थी। इस ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण 1982 में सैनी समाज के लोगों ने कराया था। यह मंदिर बुद्ध सेन सैनी द्वारा दान की गई जमीन पर बनाया गया था। कल्लू राम सैनी के पास मंदिर की चाबी थी। उन्होंने बताया कि पहले इस इलाके में 150-200 सैनी समाज के घर थे, लेकिन समय के साथ लोग पलायन कर गए और मंदिर बंद हो गया।
वाराणसी में मिला सालों पुराना बंद मंदिर
उसके बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मुस्लिम बहुल मदनपुरा क्षेत्र की गलियों के बीच भी एक बंद शिव मंदिर मिला है। इस मंदिर में भी ताला लगा हुआ था। जैसे ही इस मंदिर के होने की बात सामने आई, तो वहां के हिंदू नागरिकों ने मंदिर को खोलकर पूजा पाठ शुरू करने की मांग कर दी।मदनपुरा इलाका संवेदनशील माना जाता है। यह काशी विश्वनाथ मंदिर से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर है।
अलीगढ़ में भी मिला सालों पुराना हिंदू मंदिर
अलीगढ़ में मिले मंदिर की दीवार पर लगे शिलालेख के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 9 मई 1975 को हुआ था, यह मंदिर करीब 49 साल पुराना है। अखिल भारतीय करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि, अलीगढ़ थाना बन्ना देवी क्षेत्र के सराय रहमान इलाके में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर पर मुस्लिम समुदाय का कब्जा है। इसके बाद, हिंदू संगठनों ने मिलकर इस मंदिर को कब्जा मुक्त कराया है। साथ ही 15 मंदिरों और पर कब्जा होने की बात भी सामने आई है। करणी सेना ने महानगर में करीब 15 ऐसे मंदिरों को चिह्नित किया है, जिन पर मुस्लिम समुदाय का कब्जा है। अब संगठन का कहना है कि, इन सभी मंदिरों को जल्द ही कब्जा मुक्त कराया जाएगा।
स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि, मुस्लिम इलाकों में जितने भी मंदिर है उनपर कोई अवैध कब्जा नहीं है। उनका कहना है कि, यह मंदिर सालों पहले खाली हो गए थे, जब यहां रहने वाले कुछ हिंदू परिवार अपनी जमीन बेचकर कहीं और चले गए। मुस्लिम समुदाय के मुताबिक, मंदिरों में पूजा-अर्चना बंद हो जाने के कारण यह सभी मंदिर दब गए थे। इन सभी मंदिरो की आगे की कार्रवाई अब प्रशासन पूरी गहराई से करेगा।