उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहाँ साल भर पहले एक महिला की मौत हो जाने के बाद भी उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया। और उसकी दो बेटियां अपनी माँ की लाश के साथ सोती रही। इतना ही नहीं जब लाश से दुर्गंध आने लगी तो उससे बचने के लिए दोनों बेटियां अगरबत्ती का सहारा लेती रही ताकि दुर्गंध न फैले। हालांकि पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया है और दोनों बेटियों से पूछताछ की जा रही है।
आपको बता दे की म्रतक महिला की उम्र 52 साल थी,जिसका नाम उषा त्रिपाठी था। जो अपनी दोनों बेटियां पल्लवी त्रिपाठी व छोटी बेटी वेशवी त्रिपाठी थी। पुलिस द्वारा दोनों बेटियों से कि गई पूछताछ में पता चल की करीब दो साल पहले ही उनके पिता उम लोगों से दूर रहते थे। इसी बीच बीमारी के चलते 8 दिसंबर साल 2022 में उषा की मौत होगई थी। जिसके बाद से दोनों बेटियों ने अपनी माँ के शव को कमरे में बंद कर रखा। ऊषा की बीमारी की खबर सुनकर जब रिश्तेदार मिलने आए तो बेटियों ने मिलने से मना कर दिया। उन्होंने रिश्तेदारों से कह दिया कि माँ बहुत ज्यादा बीमार और डॉक्टर ने किसी को मिलने से मना किया है।
परिजनों ने बताया कि वे अपने परिजनों को भी घर में नहीं आने देती थीं और बाहर से ही लौटा देती थीं। इस घटना के बाद भी दोनों बहनों का व्यवहार वैसा ही था जैसे हमेशा रहा करती थीं। इससे लोगों को शक नहीं हुआ की ऐसी कोई घटना हुई है। हालाँकि, पिछले एक सप्ताह से दोनों लड़कियाँ घर से नहीं निकल रही थीं। इसके कारण लोगों को लगा की कुछ बात जरूर है।जिसके बाद उन लोगों नें पुलिस के पास इस घटना कि शिकायत दर्ज कारवाई जिसके के जरिए इस मामले का पुरा खुलासा हुआ।
पुलिस ने बताया कि ऊषा के शव का कंकाल एक कमरे में पलंग पर सफेद रंग की रजाई से ढका रखा था। वहीं अब पुलिस ने कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। हालांकि अब पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा कि यह मौत है या हत्या की गई है। वहीं पूछाताछ की गई तो पता चला कि माता-पिता के गुजर जाने के बाद दोनों बेटियों की मानसिक स्थिति अच्छी नहीं थी। दोनों बहनों ने बताया कि उनके पास पैसों की व्यवस्था नहीं हो पाई थी जिसकि वजह से उन्होंने मां का अंतिम संस्कार नही किया।