जब भी आप किसी मॉल, मेट्रो स्टेशन या एयरपोर्ट पर एस्केलेटर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपने इसके किनारों पर काले ब्रश जरूर देखे होंगे। देखने में ये ब्रश सफाई के लिए या केवल सजावट के लिए लगते हैं, लेकिन इनका असली मकसद कुछ और ही होता है।
सुरक्षा के लिए अहम होते हैं ये ब्रश
एस्केलेटर के किनारों पर लगे ये ब्रश दरअसल सुरक्षा का एक अहम हिस्सा हैं। इनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यात्रियों के कपड़े, बैग की स्ट्रैप, या जूते की लेस गलती से एस्केलेटर के मूविंग पार्ट्स में न फंस जाएं। अगर ऐसा होता है, तो यह गंभीर हादसों का कारण बन सकता है।
ब्रश कैसे रोकते हैं दुर्घटनाएं?
जब भी किसी यात्री का पैर, कपड़ा या बैग का कोई हिस्सा एस्केलेटर के किनारे के करीब जाता है, तो ये ब्रश हल्की झुनझुनी का अहसास कराते हैं। इससे लोग सतर्क हो जाते हैं और खुद को किनारे से दूर कर लेते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाती है।
क्या ब्रश एस्केलेटर की सफाई भी करते हैं?
हां, सुरक्षा के अलावा ये ब्रश एस्केलेटर की सफाई में भी मदद करते हैं। चलते समय लोग जूतों से धूल-मिट्टी लाते हैं, जो किनारों पर जमा हो सकती है। ये ब्रश लगातार मूविंग एस्केलेटर के साथ घर्षण पैदा करके किनारों की सफाई में मदद करते हैं।
क्या हर एस्केलेटर में होते हैं ब्रश?
सभी आधुनिक एस्केलेटर में ये ब्रश अनिवार्य रूप से लगाए जाते हैं, खासकर उन जगहों पर जहां इनका ज्यादा इस्तेमाल होता है, जैसे- मेट्रो स्टेशन, मॉल, एयरपोर्ट और ऑफिस बिल्डिंग्स। पुराने एस्केलेटर में यह सुविधा नहीं होती थी, जिससे कई दुर्घटनाएं हुईं। इसी कारण बाद में इसे सुरक्षा मानकों में जोड़ा गया।
एस्केलेटर का सफर अब और सुरक्षित
एस्केलेटर का आविष्कार 19वीं सदी में हुआ था और तब से लेकर अब तक इसमें कई सुरक्षा सुधार किए जा चुके हैं। किनारों पर ब्रश लगाना भी इन्हीं सुधारों में से एक है। अगली बार जब आप एस्केलेटर पर चढ़ें, तो इन छोटे लेकिन अहम ब्रश पर जरूर ध्यान दें, जो आपको बिना महसूस कराए ही आपकी सुरक्षा में मदद कर रहे हैं!