CBI ने एक फर्जी मार्केटिंग मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इसके जरिए भारत में संचालित एक कॉल सेंटर से अमेरिका समेत कई देशों के नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा था और उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही थी। छापे के दौरान CBI ने 2 करोड़ 20 लाख कैश बरामद किया।
CBI के अधिकारी ने बताया कि दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गुजरात में जांच के दौरान इस साइबर क्राइम मॉड्यूल से जुड़े डिजिटल एविडेंस, क्रिप्टोकरेंसी, प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेजों के साथ कैश मिला है। ये मामला विदेशी नागरिकों से ठगी करने से जुड़ा हुआ है।
इस क्राइम मॉड्यूल के तहत ई-संपर्क सॉफ्टटेक कंपनी खुद को अमेरिकी सरकारी एजेंसी बताती थी और अमेरिकी लोगों से ठगी करती थी। इस मामले में CBI ने कंपनी के निदेशक गौरव गुप्ता और सुशील सचदेवा के खिलाफ ठगी का केस दर्ज किया है।
आरोपियों ने ऐसा करने के लिए US ग्रांट डिपार्टमेंट, इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS), सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (SSA), कम्युनिटी रिइन्वेस्टमेंट एक्ट (CRA), एयर ट्रैफिक ऑर्गनाइजेशन (ATO) जैसी अमेरिकी सरकारी एजेंसियों के नाम का उपयोग किया।
अधिकारियों ने बताया कि सुशील सचदेवा और उसके सहयोगियों द्वारा चलाया कथित तौर पर जाने वाला समूह, तकनीकी सहायता जैसी धोखाधड़ी योजनाओं के माध्यम से विदेश नागरिकों को निशाना बना रहा था और उन्हें धोखा देने के लिए कॉल सेंटर के माध्यम से ‘‘लाखों कॉल’’ किए थे। उन्होंने बताया कि CBI की कार्रवाई उस जांच का हिस्सा थी जिसमें कई साइबर अपराधियों पर मामला दर्ज किया गया है।