भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वकांक्षी Gaganyaan Mission के तहत पहले मानव रहित उड़ान परीक्षण में आई तकनीकी खामी को दुरुस्त करते हुए 10 बजे इसे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया।
ISRO प्रमुख S Somnath ने इस सफल launching की जानकारी देते हुए कहा कि, ‘मुझे TV-D1 Mission की सफल उपलब्धि की घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है। इस मिशन का उद्देश्य एक परीक्षण वाहन के माध्यम से Gaganyaan कार्यक्रम के लिए चालक दल को ले जाने की प्रणाली का प्रदर्शन करना था।’
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह crew module एक मैक तक चला गया, जो ध्वनि की गति से थोड़ा ऊपर है और crew escape system के कार्य करने के लिए एक निरस्त स्थिति की शुरुआत की है। Crew escape system ने crew module को वाहन से दूर ले लिया और बाद में टच-डाउन सहित संचालन किया। इसके बाद इसने समुद्र में बहुत अच्छी तरह से काम पूरा किया और हमारे पास इस सबकी पुष्टि के लिए डेटा भी है।’
भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान
Gaganyaan Mission के तहत अंतरिक्षयात्रियों के दल को 400 किमी की कक्षा में ले जाया जाएगा। इसके बाद उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाकर भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करेगा। TV-D 1 की परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर शनिवार को सुबह आठ बजे SDSC-SHAR, श्रीहरिकोटा से निर्धारित था लेकिन कुछ खराबी के कारण आज लॉन्च किया गया है। इस परीक्षण उड़ान की सफलता शेष परीक्षणों और मानवरहित मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। वर्ष 2025 में भारतीय अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने का लक्ष्य है।
वातावरण का निरीक्षण
Crew module अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसा वातावरण वाला रहने योग्य स्थान है। इसमें एक दबावयुक्त धात्विक ‘आंतरिक संरचना’ और ‘थर्मल सुरक्षा प्रणालियों’ के साथ एक बिना दबाव वाली ‘बाहरी संरचना’ शामिल है। इसमें क्रू इंटरफेस, लाइफ सपोर्ट सिस्टम, एवियोनिक्स और डिसेलेरेशन सिस्टम होते हैं।
अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित
इसे लैंडिंग के दौरान अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुन: प्रवेश के लिए भी डिजाइन किया गया है। परीक्षण के दौरान माड्यूल को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा। इसके बाद इसे पृथ्वी पर वापस लाकर श्रीहरिकोटा के पूर्वी तट से लगभग 10 किलोमीटर दूर समुद्र में सुरक्षित उतारा जाएगा।