जर्मनी के मैगडेबर्ग क्रिसमस मार्केट में कल हुई घटना से हर कोई दंग है। कल रात क्रिसमस मार्केट में लोगों की भीड़ क्रिसमस की तैयारी के लिए खरीदी कर रही थी। तभी कार सवार एक व्यक्ति ने तेज गति से कार भीड़ में चढ़ा दी। इस हादसे में अब तक 3 से ज्यादा लोगों की मौत की और 60 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। खबर यह भी है कि, घायल लोगों में से कुछ की हालत काफी गंभीर है। मामले में सऊदी मूल के आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस घटना में जनता का कहना है कि, आखिर ऐसे कैसे कोई 60 से 70 लोगों पर कार चढ़ा सकता है? सब को इसके पीछे आतंकवाद का हाथ लग रहा है क्यूंकि पहले भी जर्मनी में इसी तरह की घटनाएं हो चुकी है, जिनके आरोपियों का संबंध आतंकवाद से था।
कौन है आरोपी?
आरोपी की पहचान 50 वर्षीय तालिब अल-अब्दुलमोहसेन के रूप में हुई है, जो एक मनोचिकित्सक है। तालिब वैसे तो सऊदी मूल का है, जो 2006 से जर्मनी के सैक्सोनी-एनहाल्ट में रह रहा था। 2016 में उसे जर्मनी से स्थायी निवास परमिट भी मिल गया था। खबर है कि, हमले से ठीक पहले उसने एक BMW कार किराए पर ली थी। सूत्रों के मुताबिक, वह एक पूर्व मुस्लिम रह चुका है जो अब एक नास्तिक है और इस्लाम का कट्टर आलोचक भी। उसे जर्मनी में उत्पीड़न का सामना भी करना पड़ा था। उसके बावजूद वह अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AFG) का समर्थन करता था, जो एक आव्रजन विरोधी दक्षिणपंथी जर्मन राजनीतिक पार्टी है। 2019 में एक इंटरव्यू के दौरान उसने खुद को इस्लाम इतिहास का सबसे आक्रामक आलोचक बताया था।
सऊदी में है वांटेड, जर्मनी को दी थी चेतावनी
तालिब सऊदी में अपने नास्तिक विचारों को व्यक्त करने में असमर्थ रहता था क्योंकि वहां केवल इस्लाम ही एकमात्र धर्म है, जिसे मान्यता प्राप्त है। इसलिए, तालिब को सऊदी द्वारा आतंकवाद के रूप में देखा जाता था। साथ ही, सऊदी में वह मध्य पूर्व से यूरोपीय देशों में लड़कियों की तस्करी से संबंध में वांटेड भी था। तालिब की यह गतिविधियां देखते हुए सऊदी ने जर्मनी को चेतावनी देते हुए, उसे वापस सऊदी को सौंपने के लिए कहा भी था। लेकिन, जर्मनी ने उसे सऊदी को सौंपने से इनकार कर दिया था और उसे शरण दे दी थी।
जर्मनी को है आतंकवाद का संदेह
तालिब का नाम पहले से ही आतंकवाद से जुड़ता देख, जर्मनी की सरकार इस घटना को भी आतंकवाद के एंगल से देख रही थी। हालांकि, वहां की जांच एजेंसियों को घटना में आतंकवाद से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला है। कुछ चश्मदीद गवाहों का कहना है कि, तालिब ड्रग के नशे में था।
इस घटना के पीछे तालिब का क्या इरादा था, यह अभी तक सही से पता नहीं चल पाया है। हालांकि, सूत्र से पता चला है कि तालिब जर्मनी में इस्लाम को मिल रहे बढ़ावा से ना खुश था। शायद इसलिए उसने गुस्से में यह कदम उठाया।