“जनसंख्या के मामले में मध्य प्रदेश भारत का पांचवां सबसे बड़ा राज्य है। कृषि के मामले में यह भारत के शीर्ष राज्यों में से एक है और खनिजों के मामले में भी यह देश के शीर्ष पांच राज्यों में से एक है। मध्य प्रदेश को जीवनदायिनी मां नर्मदा का भी आशीर्वाद प्राप्त है। जीडीपी के मामले में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल होने की इसमें पूरी संभावना है, पूरी क्षमता है।”…ये शब्द थे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जब वे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।
भोपाल में कल और आज आयोजित आठवीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने मध्य प्रदेश को ग्लोबल इनवेस्टमेंट मैप पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। इस दो दिवसीय समिट में देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपतियों, निवेशकों और राजनयिकों ने भाग लिया, जिससे राज्य में आर्थिक विकास और औद्योगिक प्रगति की नई संभावनाएं उजागर हुईं।
समिट की विशेषताएँ
समिट के सफल आयोजन के लिए भोपाल शहर को विशेष रूप से सजाया गया। शहर के प्रमुख मार्गों की मरम्मत, दीवारों पर कलाकृतियाँ और प्रमुख स्थलों पर फूलों की सजावट की गई। इसके अलावा, विदेशी मेहमानों के लिए कलियासोत और केरवा डैम के पास दो टेंट सिटी स्थापित की गईं, जहाँ उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर मिला।
समिट में 60 देशों के प्रतिनिधियों, 13 देशों के राजदूतों और 6 उच्चायुक्तों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, 18,000 से अधिक निवेशकों ने रजिस्ट्रेशन कराया, जो राज्य में निवेश के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में मध्य प्रदेश को इलेक्ट्रिक वाहन और मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने राज्य में 50,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना की घोषणा की, जो इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और उद्योगों के विकास में सहायक होगा।
इस बार समिट में पहली बार शहरी विकास, पर्यटन, खनन, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी और एमएसएमई जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित उप-समिट आयोजित किए गए। इस पहल का उद्देश्य निवेशकों को कई क्षेत्रों में अवसरों और नीतिगत सुधारों से अवगत कराना था।
समिट से पहले, राज्य कैबिनेट ने जल संरक्षण, औद्योगिक विकास, स्टार्टअप्स को बढ़ावा, इलेक्ट्रिक वाहन प्रोत्साहन और विमानन क्षेत्र के विस्तार से संबंधित सात नई नीतियों को मंजूरी दी। इन नीतियों का उद्देश्य राज्य में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहरी विकास को प्राथमिकता देते हुए बताया कि राज्य में 72,000 करोड़ रुपये की शहरी परियोजनाएँ चल रही हैं, जबकि 88,000 करोड़ रुपये की नई परियोजनाएँ प्रस्तावित हैं। सात स्मार्ट सिटी, उन्नत बुनियादी ढाँचा और प्रगतिशील शहरी नीतियाँ निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
समिट में मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, आनंद महिंद्रा, एन. चंद्रशेखरन जैसे देश के प्रमुख उद्योगपतियों ने भाग लिया। इनकी उपस्थिति ने राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावनाओं को मजबूत किया है।
जापान इस समिट का कंट्री पार्टनर था, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को नई मजबूती मिली। इसके अलावा, जर्मनी, कनाडा, इटली, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया की प्रमुख निवेश एजेंसियों ने भी अपनी भागीदारी दर्ज कराई।
समिट के दौरान क्या हाथ आया?
समिट के दौरान, विभिन्न कंपनियों ने राज्य में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ये निवेश मुख्यतः नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार, नवाचार और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में केंद्रित हैं।
प्रधानमंत्री ने राज्य में पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स, टेक्सटाइल हब, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाइयों की स्थापना की योजनाओं की घोषणा की, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी। इसके अलावा नए निवेश और परियोजनाओं से राज्य में लाखों रोजगार अवसरों के सृजन की उम्मीद है, जिससे स्थानीय युवाओं को लाभ मिलेगा।
नए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश क्षेत्र स्थापित करने की योजना है, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 ने मध्य प्रदेश को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। राज्य सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियाँ, उन्नत बुनियादी ढाँचा और प्रगतिशील दृष्टिकोण ने निवेशकों का विश्वास जीता है, जिससे राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई दिशा मिलेगी।