उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार शाम को एक भयानक हिंसा हुई है। बनभूलपुरा इलाके में सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से बने मदरसे और मस्जिद को ध्वस्त करने गई पुलिस प्रशासन व नगर निगम की टीम पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पथराव किया। बनभूलपुरा में पुलिस पर पहले पत्थरों से हमला किया गया और फिर पेट्रोल बम और डीजल से भरी बोतल फेंककर आग लगाई गई। इतना ही नहीं बल्कि बनभूलपुरा थाने पर भी हमला कर वहां खड़ी पुलिस व मीडियाकर्मियों के दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया। हालांकि अब कार्रवाई के दौरान पथराव करने वाले लोगों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जा रही है।
कई पुलिसकर्मी और नगर निगम कर्मी हुए घायल
इस हिंसा में 6 लोगों की मौत, व 300 से ज्यादा पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हुए है। जिसके बाद नैनीताल की DM वंदना सिंह चौहान हंगामे में घायल हुए लोगों और पुलिसकर्मियों से मिलने अस्पताल पहुची। हिंसा को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इस घटना के बाद पूरे राज्य में पुलिस अलर्ट पर है और इंटरनेट सेवाओ को भी बंद कर दिया गया है।
उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए है। साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने और लोगों को बिना कारण घर से बाहर ना निकलने कि अपील की है। यदि कुछ जरूरी काम है तो जिला प्रशासन को जानकारी दे कर ही बाहर निकलने के आदेश दिए है।
मदरसा और मस्जिद को ध्वस्त करने की वजह
जब मदरसा और मस्जिद पर बुलडोजर चल रहा था, तब नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा और भारी पुलिस बल तैनात रहे। अधिकारी मीणा ने बताया कि मदरसा और मस्जिद ध्वस्त करने की कार्रवाई अदालत के आदेश के बाद की गई है। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि ध्वस्त किया गया मदरसा तथा नमाज स्थल पूरी तरह से अवैध है। इस स्थल के पास स्थित तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने जनवरी के महीने में पहले ही कब्जा कर अवैध मदरसे एवं नमाज स्थल को सील कर दिया था, लेकिन इसे गुरुवार को ध्वस्त किया गया है।
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
हल्द्वानी में हिंसा के बीच उत्तराखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त किए जाने से रोकने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मलिक कॉलोनी निवासी साफिया मलिक और अन्य द्वारा दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं को हल्द्वानी नगर निगम द्वारा दिए गए नोटिस को चुनौती दी गई है। अब इस मामले की सुनवाई 14 फरवरी को होगी।