हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा में 6 फरवरी को पटाखा फैक्ट्री में दर्दनाक हादसा हुआ। हादसे के बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है, रेस्क्यू ऑपरेशन चलते ही बीच में भी दो से तीन धमाके हुए। हरदा जिला अस्पताल में भर्ती मजदूर संदीप ने बताया कि, 20 से 25 बच्चें फैक्ट्री में मौजूद थे लेकिन अभी तक किसी भी बच्चे के ना तो शव मिले है और ना ही कोई भी घायल बच्चे मिले हैं। तो फिर सवाल यही उठ रहा है की बच्चे कहां गए? अभी तक सरकारी आंकड़ों के अनुसार 11 लोगो को मौत और 217 लोग घायल होने की ख़बर हैं।
घटना के बाद कल ही देर रात फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान सुपरवाइजर को रात राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ हरदा सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया है। कांग्रेस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर हमलावर है और सोशल मीडिया के सहारे लगातार सरकार को घेर रही है। घटना के बाद आज सुबह लोगों का गुस्सा फूटा है।
फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे। इन्हे 200 रुपये मजदूरी मिलती थी। हादसे के बाद घायलों को बचाने न केवल हरदा और आसपास के जिलों से बल्कि भोपाल-इंदौर से भी बचाव और राहत दल भेजे गए। यह अब तक हुए हादसों में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है। जिसमें 11 जिलों से 150 से अधिक एंबुलेंस मौके पर भेजी गई। आधा दर्जन पोकलेन मशीन रातभर से मलबा हटा रही है। मलबे के नीचे बड़ी मात्रा में बारूद और पटाखे हैं। इस कारण लगातार धुआं उठ रहा है। पटाखे अभी भी फूट रहे हैं। आग को शांत करने के लिए दमकलों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। आस-पास जिलों से लगातार दमकल वाहन पहुंच रहे हैं। अब तक 300 से ज्यादा दमकल वाहन आ चुके हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने घटना के लिए सरकार को दोषी ठहराया है। मृतकों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपए सहायता राशि देने की मांग सरकार से की है। इसके पहले सोशल मीडिया पर जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि हरदा-हादसे के बाद शुरू हुआ राहत और बचाव कार्य मौत के नए आंकड़ों को सामने ला रहा है। आपसे अनुरोध है, पीड़ित और प्रभावितों को अब ऐसी राहत मिले, जो मिसाल के रूप में लंबे समय तक याद रखी जाए। बेकसूरों के साथ फिलहाल यही इंसाफ किया जा सकता है।
वहीं, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने सवाल उठाते हुए ट्वीट किया की फैक्ट्री के मालिक के सत्तारूढ़ पार्टी से क्या संबंध है एवं फैक्ट्री मालिक को हरदा के किस नेता का संरक्षण प्राप्त है? ब्लैक लिस्टेड होने के बाद भी आबादी क्षेत्र में पटाखा फैक्ट्री कैसे संचालित हो रही थी? फैक्ट्री मालिक और संरक्षण देने वालों के खिलाफ सरकार NSA के तहत कार्रवाई करेगी? जब फैक्ट्री अवैध थी तो इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कहां से आई? वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, हरदा में पटाखा फैक्ट्री में शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण ब्लास्ट हुआ है।