हरियाणा के हिसार की रहने वाली यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पुलिस ने हाल ही में जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर ‘Travel with JO’ नाम से एक्टिव रही ज्योति का नाम अब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से कथित संबंध के चलते पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ज्योति हिसार जिले की निवासी हैं और एक लोकप्रिय यात्रा व्लॉगर के रूप में सोशल मीडिया पर सक्रिय थीं। उनके यूट्यूब चैनल “Travel with JO” पर देश-विदेश की यात्राओं से जुड़े वीडियो उपलब्ध हैं। देखने में यह चैनल एक सामान्य ट्रैवल व्लॉग जैसा ही लगता था, लेकिन अब सामने आए तथ्यों से यह साफ होता जा रहा है कि इस चैनल के पीछे का मक़सद सिर्फ ट्रैवल कंटेंट बनाना नहीं था।
पुलिस ने 18 मई को ज्योति को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन इलाके से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी सिविल लाइंस थाना में दर्ज एक गोपनीय रिपोर्ट के बाद की गई। शुरुआती पूछताछ और डिजिटल उपकरणों की जांच के बाद, यह मामला केवल एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का नहीं, बल्कि एक संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में देखा जा रहा है।
पुलिस की प्रमुख जांच बातें: हिसार के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि ज्योति को Pakistani Intelligence Operatives (PIOs) द्वारा एक ‘Asset’ के रूप में तैयार किया जा रहा था। वह न केवल खुद सोशल मीडिया पर सक्रिय थीं, बल्कि अन्य भारतीय यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स से भी उनके अच्छे संपर्क थे। यही नेटवर्क उन्हें ‘Narrative Warfare’ का हिस्सा बनाता था।
जांच में यह भी सामने आया है कि ज्योति का संपर्क एक ऐसे पाकिस्तानी उच्चायोग अधिकारी से था, जिसे भारत ने पहले ही निष्कासित कर दिया था। यह संपर्क भारत-पाक के बीच एक सैन्य तनाव के दौरान हुआ था, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद गंभीर संकेत है।
ज्योति द्वारा की गई पाकिस्तान और चीन यात्राएं भी अब जांच के घेरे में हैं। इन यात्राओं के समय, उद्देश्य और वहां जिन लोगों से संपर्क हुआ, उसकी फॉरेंसिक और इंटेलिजेंस जांच की जा रही है। इन यात्राओं की वजह से शक गहराया कि क्या उन्हें किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का हिस्सा बनाया जा रहा था।
पुलिस के अनुसार, ज्योति का मुख्य काम सोशल मीडिया पर भारत-विरोधी नैरेटिव को अपने तरीके से बढ़ावा देना था। उदाहरण के लिए, ऐसे कंटेंट पोस्ट करना या ऐसे विचारों को प्रमोट करना जो भारत की नीति, सेना या लोकतंत्र के खिलाफ माहौल बना सके।
अब ज्योति के बैंक अकाउंट्स, सोशल मीडिया मोनेटाइजेशन, विदेशी ट्रांजेक्शन्स और अन्य आर्थिक गतिविधियों की गहन फॉरेंसिक जांच की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उन्हें विदेशी फंडिंग मिली थी, और अगर हां, तो किस सोर्स से और किस उद्देश्य के लिए।
ज्योति मल्होत्रा का केस एक नई चिंता को जन्म देता है…क्या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को अब जासूसी के लिए ‘सॉफ्ट टारगेट्स’ बनाया जा रहा है? इंटरनेट पर प्रभाव रखने वाले ऐसे लोग आसानी से जनता तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं और अगर वे किसी खुफिया एजेंसी के इशारों पर काम करें, तो यह एक खामोश युद्ध का रूप ले सकता है।
ज्योति मल्होत्रा सिर्फ एक नाम है। पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों को शक है कि ऐसे कई अन्य इन्फ्लुएंसर भी इसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं। इस केस के ज़रिए भारत में छिपे ऐसे डिजिटल वर्ल्ड की परतें खुल सकती हैं, जहां Vloggong और Influencing की आड़ में Fake Narrative जैसा mental war और Anarchy जैसी स्थिति बन रही है।
Jyoti Malhotra की गिरफ्तारी सिर्फ एक यूट्यूबर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी है कि 21वीं सदी के जासूस सिर्फ सीमा पार नहीं, इंटरनेट की स्क्रीन के पीछे भी हो सकते हैं। सोशल मीडिया एक ताकत है, लेकिन जब इसका इस्तेमाल एक देश की विचारधारा को तोड़ने के लिए किया जाए तो यह एक अदृश्य लेकिन घातक युद्ध बन जाता है।