हाल ही में भारत सहित विश्वभर में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। यह वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को प्रभावित करता है, जिससे सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संबंधी वायरस है, जो सामान्यतः सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और गले में खराश जैसे लक्षण पैदा करता है। यह वायरस विशेषकर शिशुओं, छोटे बच्चों, वृद्धों और कमजोर इम्यूनिटि वाले व्यक्तियों में गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।
हालांकि HMPV और COVID-19 दोनों श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं, लेकिन इनमें कई महत्वपूर्ण अंतर हैं:जैसे संक्रमण की गंभीरता… COVID-19 में गंभीर निमोनिया, श्वसन विफलता और मृत्यु का जोखिम अधिक होता है, जबकि HMPV के लक्षण सामान्यतः हल्के होते हैं और कम गंभीरता के साथ प्रकट होते हैं। हल्के मामलों में, HMPV कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रहता है। हालांकि, खांसी जैसे लक्षण लंबे समय तक बने रह सकते हैं। गंभीर मामलों में, विशेष रूप से अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए, ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
कोरोना और HMPV में समानता और अंतर –
COVID-19 की तुलना में HMPV की संक्रमण दर कम होती है और यह व्यापक पैमाने पर नहीं फैलता।
उपचार और टीकाकरण…COVID-19 के लिए कई टीके उपलब्ध हैं, जबकि HMPV के लिए वर्तमान में कोई विशिष्ट टीका या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है।
शिशुओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों के लिए उच्च जोखिम.
COVID-19 (SARS-CoV-2 वायरस) में गंध/स्वाद की कमी और रक्त के थक्के बनने जैसे प्रणालीगत लक्षण शामिल होते हैं।
COVID-19 के लिए वैक्सीन और एंटीवायरल उपचार उपलब्ध हैं, जबकि HMPV के लिए केवल सहायक उपचार उपलब्ध है।
HMPV से घबराना भले ही ना हो, मगर सतर्क रहने की जरूरत तो है ही। इसके असर को कम करनेे के लिए जागरूकता, रोकथाम और शुरुआती इलाज का सही होना बेहद जरूरी हैं।
भारत में HMPV के कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें बेंगलुरु में 8 महीने के बच्चे में संक्रमण की पुष्टि हुई है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस COVID-19 जितना खतरनाक नहीं है, फिर भी सतर्कता बरतना आवश्यक है।
इस वायरस को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि देशवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है। घबराने की जरूरत बेशक ना हो, मगर इस वायरस को जानने-समझने और उससे बचाव के तरीकों से परिचित हो जाने में कोई बुराई नहीं है।
इससे सुरक्षा के कई उपाय अपनाए जा सकते हैं जैसे नियमित रूप से हाथ धोना और सैनिटाइज़र का उपयोग करना। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क का उपयोग करना। संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना।यदि सर्दी-जुकाम के लक्षण प्रकट हों, तो चिकित्सक से परामर्श लेना।
HMPV के बढ़ते मामलों के बावजूद, यह COVID-19 जितना घातक नहीं है। फिर भी, व्यक्तिगत स्वच्छता और सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके।