जबलपुर। मध्यप्रदेश में डॉ मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रशासनिक सर्जरी जारी है। जबलपुर में संभागीय समीक्षा बैठक और कैबिनेट मीटिंग के 24 घंटे के भीतर यहां के कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन का अचानक ट्रांसफर कर दिया गया। उनकी जगह उपभोक्ता संरक्षा विभाग में संचालक दीपक सक्सेना को जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, शीतला पटले को नरसिंहपुर कलेक्टर का दायित्व सौंपा गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने 4 जनवरी को आदेश जारी किया है। यह कदम खामियों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई के हिस्से के रूप में आया है, जिसमें अब तक 7 जिलों के कलेक्टरों को लापरवाही के कारण परिणाम भुगतने पड़े हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में एक दिन पहले राज्य कैबिनेट की पहली बैठक जबलपुर में हुई थी। साथ ही मुख्यमंत्री जबलपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में भी शामिल हुए थे। इसके बाद 4 जनवरी को जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन का तबादला कर दिया गया। उनकी जगह 2010 बैच के IAS दीपक सक्सेना को जबलपुर का नया कलेक्टर बनाया गया है। दीपक सक्सेना अभी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में संचालक, मध्यप्रदेश राज्य भंडार गृह निगम में प्रबंध संचालक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को अब मंत्रालय में अपर सचिव बना दिया गया है। वहीं, 2014 बैच की IAS शीतला पटले को नरसिंहपुर कलेक्टर पदस्थ किया गया है। नरसिंहपुर कलेक्टर बनाई गई शीतला पटले इससे पहले मंत्रालय में उप सचिव थीं। वे अभी परियोजना संचालक के साथ ही मध्य प्रदेश स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट व कौशल विकास संचालक का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रही थीं।
दरअसल, शाजापुर में ट्रक-बस चालकों की बैठक में ड्राइवर से बातचीत के दौरान आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शाजापुर कलेक्टर किशोर कन्याल को हटा दिया था और उनकी जगह नरसिंहपुर की कलेक्टर रहीं ऋजु बाफना को एक दिन पहले यानी 3 जनवरी को शाजापुर की कलेक्टर बना दिया गया था।
इसके अलावा, डिंडौरी के लिए एक नया पुलिस अधीक्षक (SP) नियुक्त किया गया है, जिसमें संजीव कुमार सिन्हा की जगह अखिल पटेल को शामिल किया गया है, जिन्हें गुना स्थानांतरित कर दिया गया है।