मध्यप्रदेश के जबलपुर के एक प्राइवेट स्कूल में 5 मिनट देरी से स्कूल पहुंचे बच्चों को बाहर कर मेन गेट पर ताला लगा दिया। 300 से ज्यादा बच्चें एक घंटे तक बैग लेकर बाहर खड़े रहे। कुछ बच्चे डरकर रोने लगे। सूचना मिलते ही पेरेंट्स स्कूल पहुंचे और स्कूल में हंगामा मचा दिया। पेरेंट्स ने स्कूल के इस एक्शन को गलत बताया, तो मैनेजमेंट ने TC देने की धमकी दे डाली। हंगामे के बाद 8:30 बजे बच्चों को क्लास में जाने दिया। मामला जबलपुर के पोलीपाथर स्थित सेंट अलॉयसियस स्कूल का है।
जबलपुर के इस स्कूल पर एक कहावत बहुत सही बैठती है, चोरी और फिर सीना जोरी! जब मन हुआ फीस बढ़ा दी, किताबें, कॉपी और यूनिफॉर्म के लिए पेरेंट्स पर दबाव बनाने वाले प्राइवेट स्कूल अब बच्चों और उनके पेरेंट्स को प्रताड़ित करने पर आमादा हैं। इसकी वजह है प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों पर की गई कार्यवाही, अब प्राइवेट स्कूल संचालक प्रशासन से बदला तो नहीं ले सकते इसलिए बच्चों और उनके पेरेंट्स को प्रताड़ित करते हैं।
तीन बार लेट होने पर फाइन लगता है
सेंट अलॉयसियस स्कूल पोलीपाथर में करीब ढाई हज़ार बच्चे पढ़ते हैं। दरअसल, स्कूल का समय सुबह 7:20 है। इसके बाद असेंबली होती है। देरी से पहुंचने वाले बच्चों को असेंबली में शामिल नहीं होने दिया जाता। उनकी स्कूल डायरी में भी नोट लगा दिया जाता है। तीन दिन कंटीन्यू लेट होने पर 10 रुपए फाइन लगाया जाता है।
प्रिंसिपल पर दर्ज है केस
बता दें कि सेंट अलॉयसियस स्कूल की प्रिंसिपल सोमा जॉर्ज के खिलाफ अवैध फीस वसूली, यूनिफॉर्म और बुक्स की बिक्री के मामले में ग्वारीघाट थाने में पहले से भी एक केस दर्ज है। प्रिंसिपल को जेल भी भेजा गया था। कुछ दिन पहले ही सोमा जमानत पर बाहर आई हैं। कलेक्टर का कहना है कि, इस तरह मनमानी करेंगे तो स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।